कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा किसान आंदोलन के आज 100 दिन हो गए हैं। प्रदर्शनकारी किसान यूनियने इस दिन को 'काला दिवस' के रूप में मनाते हुए वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को जाम कर दिया है। किसान यहां पर सरकार के खिलाफ नारे भी लगा रहे हैं।

सोनीपत / पलवल (एएनआई)। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध शनिवार को 100 वें दिन में प्रवेश कर गया है। वहीं किसानों ने आज सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक पांच घंटे के लिए एक्सप्रेसवे को अवरुद्ध करने की अपनी घोषणा के बाद कुंडली, सोनीपत में वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को जाम कर दिया। करीब 136 किलोमीटर लंबे वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे, जिसे कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेसवे के रूप में भी जाना जाता है। ऐसे में नाराज किसानों के इस प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन पहले से अलर्ट हो गया है। दिल्ली बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। भारी संख्या में पुलिस बल तनात है।

Haryana: Farmers block Western Peripheral Expressway in Kundli, Sonipat following their announcement of blocking the Expressway today from 11 am-4 pm.
The farmers' protest against Central Govt's #FarmLaws entered its 100th day today. pic.twitter.com/4pDgKxcLli

— ANI (@ANI) March 6, 2021


पुलिस की भारी तैनाती की गई
इस दाैरान किसान अपने किसान यूनियनों के झंडे हाथों में लेकर एक्सप्रेस पर चढ़ गए। ट्रैक्टरों पर भी किसान दिखे। वे सरकार के खिलाफ नारे भी लगा रहे हैं। प्रदर्शनकारी किसान यूनियनों ने 6 मार्च को 'काला दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। किसी भी असामान्य घटना से बचने के लिए हरियाणा के पलवल में पुलिस की भारी तैनाती सुनिश्चित की गई है।विजयपाल, डिप्टी एसपी, पलवल ने एएनआई को बताया, हम किसी भी अभूतपूर्व स्थिति को टालने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। हमने पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया है। किसी को भी कानून तोड़ने की अनुमति नहीं है। अगर कोई भी ऐसा करता है, तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।
11 बजे से शाम 4 बजे तक जाम
वहीं कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे को जाम करने पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश चौहान ने कहा कि सोई सरकार को जगाने का हमारे पास ये ही रास्ता बचा है। दिल्ली के चारों तरफ जो बॉर्डर हैं उन्हें हमें सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक जाम करेंगे। ये अहिंसक होगा। बतादें कि विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने शुक्रवार को आम लोगों से अनुरोध किया था कि वे सरकार के खिलाफ आंदोलन के समर्थन में घरों और कार्यालयों पर काले झंडे लहराएं। 25 फरवरी को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दोहराया कि केंद्र सरकार किसी भी समय प्रदर्शनकारी किसानों से बात करने के लिए तैयार है।

Posted By: Shweta Mishra