कृषि कानूनों के खिलाफ एक महीने से ज्यादा समय से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर धरना-प्रदर्शन कर रहे किसानों और केंद्र सरकार के बीच एक बार फिर बातचीत होने जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि आज की बातचीत सार्थक होगी।


नई दिल्ली (एएनआई)। देश की राजधानी दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान लंबे समय से धरने पर बैठे हैं। केंद्र सरकार ने बुधवार को नए कृषि कानूनों पर चर्चा के लिए किसान संघ को आमंत्रित किया है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने आज दोपहर 2 बजे किसान नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया है। यह बैठक नई दिल्ली में विज्ञान भवन में आयोजित होने वाली है। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल ने मंगलवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। सूत्रों ने कहा कि उन्होंने बैठक के लिए सरकार की स्थिति पर चर्चा की और अंतिम रूप दिया। वहीं आंदोलनकारी किसानों का स्पष्ट रुख है कि कानून के निरस्त होने के बाद वे विरोध स्थलों को छोड़ देंगे। हमने सरकार के साथ 5 दौर की बातचीत की
किसान संघर्ष समिति के पंजाब के संयुक्त सचिव सुखविंदर सिंह सभरान ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया हमने सरकार के साथ 5 दौर की बातचीत की है, लेकिन इससे कुछ नहीं निकला क्योंकि वे केवल कृषि कानूनों के लाभों के बारे में बोल रहे हैं। हमें उम्मीद है कि आज इस चर्चा से कुछ सार्थक निकलेगा। एक अन्य किसान ने कहा हम अगली बार और भी अधिक गेहूं का उत्पादन करना चाहते हैं लेकिन हर कोई खौफ में है। इतने लंबे मोर्चे के बाद किसान इतना गेहूं कैसे पैदा कर सकते हैं। किसान कल्याण मंत्रालय को पत्र लिखावहीं संयुक्ता किसान मोर्चा (एसकेएम) ने मंगलवार को लगभग 40 किसान संगठनों के संयुक्त मोर्चे ने बैठक की अगली तारीख के रूप में 30 दिसंबर को बातचीत के लिए केंद्र की पेशकश को स्वीकार करते हुए कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय को पत्र लिखा। कृषि मंत्रालय के सचिव संजय अग्रवाल को लिखे पत्र में, किसान यूनियनों ने केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में एक महीने से अधिक समय तक अपने चार सूत्रीय एजेंडे को एक बार फिर से दोहराया।

Posted By: Shweta Mishra