-मिल मालिक से वार्ता और जल्द भुगतान के आश्वासन पर माने किसान

-एसडीएम-सीओ आवास से दस फिट की दूरी पर है पानी की टंकी

-किसानों के इस कदम से एलआईयू ने पहले ही चेता दिया था

Mawana। गन्ना भुगतान नहीं होने पर आखिकार किसानाें का आक्रोश फुट पड़ा। एलआईयू की रिपोर्ट के बावजूद दो महिलाओं सहित पांच किसान सीओ-एसडीएम आवास से महज दस फिट की दूरी पर स्थित पानी की टंकी पर आसानी से चढ़ गए और छलांग लगाने की चेतावनी दी। इस पर पुलिस-प्रशासनिक अफसराें के पसीने छूट गए। घंटों मान-मनौव्वल की, लेकिन किसान मवाना चीनी मिल मालिक को बुलाने पर अड़े रहे। अधिकारियाें ने मालिक के अमेरिका में होने की बात कही। इस पर किसान दो दिन के भीतर मालिक से फोन पर वार्ता और जल्द भुगतान किए जाने के लिखित आश्वासन पर मानकर नीचे उतर गए। तब जाकर अधिकारियों ने राहत की सांस ली।

किसान नेता शौकीन गुर्जर ने कहा कि यदि इस बार अधिकारियों ने उनसे झूठ बोला और वादा तोड़ा तो उनका धरना जारी ही है। किसान भी यहीं रहेंगे और यह टंकी भी, फिर देखते हैं कि उन्हें ऊपर से छलांग लगाने से कौन रोकता है। वे अपने खून पसीने की कमाई लेकर रहेंगे। उन्हाेंने तो यहां तक कहा कि आजाद देश से तो अंग्रेजों की गुलामी ही अच्छी थी। उस समय दुश्मन हमारे सामने तो थे, लेकिन आजाद भारत में तो अपने ही दुश्मन बनकर देश और किसानाें को खोखला करने पर तुले हैं।

गायब मिला ड्यूटी पर तैनात सिपाही

खुफिया विभाग ने बुधवार को ही किसानों के पानी की टंकी पर चढ़ने की रिपोर्ट अधिकारियों को भेज दी थी। इसके मद्देनजर सीओ अब्दुल कादिर के निर्देश पर एक सिपाही की ड्यूटी तहसील परिसर स्थित सीओ-एसडीएम अवास के सामने लगी पानी की टंकी पर लगाई गई थी। सुबह के समय सिपाही ड्यूटी से नदारद था। सुबह करीब साढ़े आठ बजे किसान मजदूर उत्थान मोर्चा के अध्यक्ष शौकीन गुर्जर, देव शर्मा, राजबीर और दो महिलाएं ब्रिजेश व राजेश मौका पाकर टंकी पर चढ़ गए। किसानों ने गन्ना भुगतान देने और मिल अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की।

अधिकारियों ने लगाई दौड़

एसडीएम अरविंद सिंह भी अपने आवास में ही थे। नारा सुनकर एसडीएम ने इसकी जानकारी आला अफसरों को दी और उसके बाद मौके पर सीओ अब्दुल कादिर, एसओ मवाना सुरेंद्र सिंह भाटी, तहसीलदार कुमार भूपेंद्र, नायब तहसीलदार जयेंद्र सिंह, ईओ नगर पालिका अनुज कौशिक के अलावा भारी पुलिस बल पहुंच गया। तहसील खुलने पर लोगों का जमावड़ा टंकी की ओर बढ़ा तो तहसील का मुख्य गेट बंद कर लोगों को अंदर आने से रोक दिया गया। एहतियात के तौर पर एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड, हाइड्रोलिक लिफ्ट आदि मंगा ली गई। किसानों की छलांग लगाने की स्थिति से निपटने के लिए बच्चों के जंप लगाने वाले कई एयर मिक्की माउस मंगाकर उसमें हवा भर दी गई।

किसानों ने भी की मिन्नतें

टंकी से किसानों को उतारने के लिए उनके साथी किसानों के साथ मिल अफसरों, एसडीएम, सीओ और पुलिसकर्मियों ने काफी मिन्नतें कीं, लेकिन किसान एकमुश्त बकाया भुगतान तत्काल कराने और मिल मालिक को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े रहे।

लिखित आश्वासन पर माने किसान

किसानों के टंकी पर चढ़ने पर पुलिस-प्रशासनिक अफसराें ने चीनी मिल अधिकारी प्रमोद बालियान, गिरीराज राणा, ओमबीर चौहान आदि को बुला लिया। बालियान ने बताया कि इस समय मिल मालिक अमेरिका में हैं और उन्होंने सबके सामने फोन पर बात की। फिर भी किसानों को उनकी बात पर यकीन नहीं हुआ और भुगतान की मांग पर अड़े रहे। मौके पर शौकीन गुर्जर के पुत्र ने भी आकर पिता को उतारने के लिए मिन्नतें की, लेकिन सभी व्यर्थ साबित हुईं। करीब चार घंटे बाद साढ़े बारह बजे जब मिल अधिकारियों ने लिखित रूप से मिल मालिक से दो दिन के भीतर किसानों की बात और जल्द से जल्द भुगतान कराने का आश्वासन दिया तो किसान मान गए और अपनी मर्जी से नीचे उतर गए।

अधिकारियों के तेवर पड़े ढीले

दो दिन पहले तक पुलिस-प्रशासनिक अफसर किसान नेताओं को कार्रवाई करने की चेतावनी दे रहे थे, लेकिन गुरुवार को किसानों का यह रूप देखकर सभी के तेवर ढीले पड़ गए और उन्होंने सभी किसानों को धरना स्थल पर जूस पिलाया। अन्यथा बुधवार को भी पुलिस-प्रशासन ने पीएसी के साथ फ्लैग मार्च निकालकर किसानों को लॉ एंड ऑर्डर बिगड़ने पर मुकदमा दर्ज करने की चेतावनी दी थी। अधिकारियों की नरमी का एक कारण यह भी रहा कि पानी की टंकी सीओ-एसडीएम आवास से केवल दस फिट की दूरी पर है।

एसओ को लगाई फटकार

टंकी पर तैनात सिपाही के गायब रहने पर सीओ अब्दुल कादिर ने एसओ सुरेंद्र सिंह भाटी को जमकर फटकार लगाई। सीओ ने एसओ से ड्यूटी पर तैनात सिपाही की जानकारी हासिल करने के लिए जीडी मंगाने को कहा तो एसओ बगले झांकने लगे और कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए।

वकीलों ने भी दिया समर्थन

बार एसोसियेशन मवाना ने भी आंदोलनकारी किसानाें को अपना समर्थन दिया है। बार अध्यक्ष राजीव कंसल ने कहा कि किसानों को मजबूर होकर यह कदम उठाना पड़ा है। उन्होंने किसान आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया और वकीलों ने नारेबाजी भी की।

धोखा दिया तो किसान भी यहीं और टंकी भी यहीं

Posted By: Inextlive