PATNA: भ्रष्ट लोकसेवकों के विरूद्ध और तेजी से कार्रवाई करने की आवश्यकता है जो मामले पूर्व में दर्ज किये गये हैं और अनुसंधान में है वैसे मामलों का शीघ्र निष्पादन हो. ये कहा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने. वे मुख्यमंत्री सविचालय स्थित संवाद सभाकक्ष में निगरानी विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में अफसरों से बात कर रहे थे. बैठक के बाद प्रधान सचिव निगरानी विजय प्रकाश ने बताया कि बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि टै्रप के मामले को आर्म एक्ट मामलों के ही तर्ज पर स्पीडी ट्रायल करवायी जाय. भ्रष्ट लोकसेवकों की संपत्ति जŽत करने की दिशा में कार्रवाई की जाय. मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि जो सरकारी गवाह हाजिर नहीं होते हैं उनके विरूद्ध दंड प्रक्रिया संहिता के अन्तर्गत कार्रवाई की जाय. निर्देश दिया कि आर्थिक अपराध मामले में अपराधियों की संपति जŽत करने की कार्रवाई की जाय.


बैठक के बाद डी जी निगरानी रविन्द्र कुमार ने बताया कि निगरानी अन्वेषण Žयूरो में निगरानी संवर्ग का प्रावधान किया जा चुका है। इसमें जब तक नियमित नियुक्ति नहीं हो जाती है, तब तक स्वच्छ छवि के इच्छुक अनुभवी पुलिस पदाधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर लिया जाय.मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सरकारी कर्मचारियों के द्वारा दायर वार्षिक संपत्ति विवरणी की सतत निगरानी की जाय और आगे से संपत्ति विवरणी को ऑनलाइन दायर करने की व्यवस्था की जाय. 

विजय प्रकाश ने बताया कि बैठक में मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि विशेष निगरानी इकाई में सीबीआई के सेवानिवृत पुलिस अधीक्षक स्तर के पदाधिकारियों को उपलŽध रिक्तियों के विरूद्ध अनुबंध पर लेने के लिए शीघ्र कार्रवाई की जाय। कहा कि जितने निगरानी के मामले विचाराधीन हैं, उसकी समीक्षा कर शीघ्र मामले को निष्पादित किया जाय। किसी भी मामले को अनावश्यक रूप से लंबित नहीं रखा जाय। मुख्य सचिव स्तर पर प्रधान सचिव निगरानी एवं डीजीपी निगरानी बैठकर कैडर के स्वरूप के संबंध में निर्णय लेंगे। बैठक में मुख्य सविच श्री अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त  शिशिर सिन्हा, पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर, प्रधान सचिव निगरानी विजय प्रकाश, प्रधान सचिव गृह आमिर सुबहानी, डीजी निगरानी रविन्द्र कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव चंचल कुमार, अतीश चन्द्रा, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारीगोपाल सिंह सहित कई अफसर मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive