7 दिनों से नहीं मिल पा रही है आरसी

30 हजार आरसी प्रिंट की जानी हैं

1 दिसंबर से फास्ट टैग है अनिवार्य

इसे भी जानें

- फास्ट टैग के लिए जरूरी है ओरिजनल आरसी

- बिना आरसी के ही लोग वाहन चलाने को मजबूर

- 1 दिसंबर के बाद टोल पर देना होगा दोगुना टैक्स

- परिवहन विभाग उपलब्ध कराता है आरसी के कागज

- आरटीओ ऑफिस से पिछले एक सप्ताह से नहीं बंट पा रही है आरसी

- टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों के लिए 1 दिसंबर तक फास्ट टैग अनिवार्य

LUCKNOW: आरटीओ ऑफिस से रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) न मिलने से वाहनों में फास्ट टैग का काम प्रभावित हो रहा है। एक तरफ फास्ट टैग लगाने की लास्ट डेट निर्धारित कर दी गई है, वहीं वाहन स्वामी आरसी के अभाव में फास्ट टैग नहीं लगवा पा रहे हैं। आरटीओ ऑफिस से आरसी न मिलने से वे परेशान हैं। पिछले एक हफ्ते से आरटीओ ऑफिस में आरसी नहीं मिल पा रही है।

मुख्यालय से नहीं मिल रहे पेपर

आरटीओ ऑफिस के अधिकारियों के अनुसार जिस पेपर पर आरसी प्रिंट की जाती है, वह प्रदेश भर के सभी जिलों में परिवहन विभाग उपलब्ध कराता है। पिछले एक हफ्ते से वह पेपर नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में आरसी प्रिंट नहीं हो पा रही है। शोरूम से वाहनों की बिक्री तो हो रही है लेकिन आरसी नहीं मिल पा रही है। आलम यह है कि आरसी न होने के बाद भी लोग अपने वाहन रोड पर लेकर उतर रहे हैं। वे आरसी का इंतजार करते करते थक चुके हैं। जबकि नियम के अनुसार बिना आरसी के किसी को भी वाहन लेकर चलने की छूट नहीं है।

समय और धनराशि लगेगी दोगुनी

वाहन मालिकों का कहना है आरसी न मिल पाने के कारण फास्ट टैग का काम भी नहीं हो पा रहा है। 1दिसंबर तक टोल नाका से गुजरने वाले वाहनों में फास्ट टैग लगाया जाना अनिवार्य है। इसमें सिर्फ नए वाहन ही नहीं वे पुराने वाहन भी शामिल हैं, जो अन्य लोगों को ट्रांसफर किए गए हैं। विभागीय अधिकारियों के अनुसार इस समय कामर्शियल के साथ ही नए और पुराने वाहनों की मिलाकर तकरीबन 30 हजार आरसी प्रिंट की जानी हैं। वाहन मालिकों ने बताया कि फास्ट टैग के लिए वाहन की ओरीजनल आरसी चाहिए होती है। जिन वाहनों में 1 दिसंबर तक फास्ट टैग नहीं लगा और वे टोल नाका से गुजरेंगे तो उनका सयम और पैसा दोनों दोगुना लगेगा।

कोट

आरसी के प्रपत्र के लिए परिवहन विभाग मुख्यालय को पत्र लिखा गया है। उनके आते ही प्रपत्रों की प्रिटिंग शुरू कर दी जाएगी। प्रिंट शुरू होते ही आरसी का वितरण किया जाएगा।

संजय तिवारी, एआरटीओ, प्रशासन

आरटीओ ऑफिस, लखनऊ

Posted By: Inextlive