मिलिए इन पिता और बेटी से। ये दोनों मिलकर कड़ी मेहनत करते हैं और पनाह देते हैं सड़कों के आवारा कुत्‍तों को। सिर्फ पनाह ही नहीं देते उनकी हर तरह से देखभाल भी करते हैं और उनको घर मुहैय्या कराते हैं। दोनों मिलकर अब तक करीब 300 आवारा कुत्‍तों को पनाह दे चुके हैं। इसको लेकर इन्‍होंने एक चैरिटी भी शुरू की है। इसका नाम है 'A Zi'।

आर्थिक तंगी भी नहीं बनती रोड़ा
आर्थिक तंगी के बावजूद ये पिता और बेटी (जिसका घरेलु नाम है A Zi) दोनों मिलकर इस बात का प्रण कर चुके हैं कि आगे भी वे ऐसे कुत्तों और साथ में बिल्लियों का भी पालन-पोषण करना जारी रखेंगे। इन्होंने चीन में उदार परोपकारियों के एक समूह का चयन किया है, जो इन जानवरों के पालन-पोषण के लिए अपना समय और धन दोनों दे सकें।

देते हैं इनको पनाह
इनमें से कई कुत्ते ऐसे हैं, जिनको जिस समय इस शेल्टर हाउस में लाया गया, वह काफी बीमार थे और कुछ तो अपाहिज भी थे। इनके शेल्टर हाउस के बारे में बताया गया कि ये सिर्फ सड़कों से ही आवारा कुत्तों को उनकी देखरेख के लिए नहीं लाते, बल्कि कई स्लॉटरहाउस से भी जानवरों को यहां लाया जाता है।

Courtesy By Mail Online

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Posted By: Ruchi D Sharma