सेरेब्रल पाल्सी से ग्रसित है बेटा, पिता को है ठीक होने की आस

ALLAHABAD: छह लोगों के परिवार के बोझ तले दबे इस पिता को अपने बेटे के दिव्यांगता का गम मुफलिसी से अधिक सालता है। बावजूद इसके उम्मीद है कि एक दिन बेटा अपने पैरों पर चल फिर सकेगा। उम्मीद कि इसी किरण के भरोसे यह पिता पिछले तीन साल से भागीरथ जैसा कठिन तप करने को मजबूर है। रोजाना वह 45 किमी दूर फूलपुर से बेटे को फिजियोथेरेपी क्लीनिक गोद में लाता और ले जाता है।

तीन साल में सिर्फ 30 दिन अबसेंट

फूलपुर के सराय हरिराम गांव के किसान बृजेश यादव अपने बेटे अभिषेक को रोजाना गांव से शहर लेकर आते हैं। पिता का दृढ़ संकल्प है कि पिछले तीन साल में केवल 30 दिन वह क्लीनिक से अबसेंट रहे। बृजेश कहते हैं कि मेरे तीन बच्चे और हैं। घर में पत्‍‌नी राजकुमारी है। उनका पालन पोषण करने के लिए छोटी सी खेतिहर जमीन है। इसलिए कभी-कभी बच्चे को क्लीनिक लेकर नही आ पाता हूं।

पिता के प्रयास से सात में पहुंचा अभिषेक

अभिषेक पैदा हुआ था तो सेरेब्रल पाल्सी के चलते उसकी बॉडी में मूवमेंट काफी कम था। बोलने और समझने की शक्ति क्षीण थी। पिता के अथक प्रयास से अब स्कूल जाने लगा है। कक्षा सात में है और सब कुछ पढ़ और बोल लेता है। बृजेश कहते हैं कि उसे लिखने में दिक्कत है। डॉक्टर जितेंद्र जैन ने कहा है कि जल्द ही पढ़ने के साथ लिखने लायक भी होगा। उसके दोनों पैर अब सीधे हो चुके हैं। बृजेश कहते हैं कि जन्म से अभी तक इलाज में 8 लाख खर्च हो चुके हैं लेकिन इसका कोई अफसोस नही है। उप्र सहित दूसरे प्रदेशों की दौड़ भी लगा चुके हैं।

Posted By: Inextlive