- इंटर काउंसिल में बने कंट्रोल रूम के स्टाफ को नहीं पता फैक्स नंबर

- जरूरी सवालों का जवाब भी ठीक से नहीं दे पाते ड्यूटी स्टाफ

PATNA: इंटर काउंसिल में बने कंट्रोल रूम में फोन की घंटियां 24 घंटे घनघनाती रहती हैं। स्टूडेंट्स क्वेश्चन पर क्वेश्चन करते हैं सर मॉडल पेपर से तो एक भी क्वेश्चन नहीं लड़ा, मेरा पैसा तो बेकार चला गया। सर, मैंने इस बार साइंस से एग्जाम दिया है, क्या अगली बार आ‌र्ट्स से एग्जाम दे सकते हैं। सर, मेरा एडमिट कार्ड अबतक नहीं आया है मैं क्या करूं? कुछ इसी तरह के कॉल, इंटर काउंसिल में चौबीसों घंटे काम कर रहे कंट्रोल रूम में आ रहे हैं। बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड ने इंटर के चल रहे एग्जाम को लेकर एक कंट्रोल रूम बनाया है। यह कंट्रोल रूम इंटर काउंसिल के फोर्थ फ्लोर पर है। कंट्रोल रूम क्7 फरवरी से चौबीसों घंटे काम तो कर रहा है, पर स्टूडेंट्स की प्रॉब्लम का सही सॉल्यूशन कर्मी नहीं दे पा रहे हैं।

फैक्स टोन भी नहीं पता

डयूटी पर तैनात कर्मियों ने बताया कि दिनभर में तकरीबन पांच से छह सौ कॉल आते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि वहां कार्यरत अधिकांश कर्मियों को यह पता ही नहीं कि किस सवाल का जवाब क्या देना है। किस समस्या से कैसे निपटना है। दिन के दो बज रहे थे और पालीगंज के एक एग्जामिनेशन सेंटर से फोन आया कि हमारे सेंटर पर साइंस और कॉमर्स के दो-दो सौ कॉपी घट रहे हैं। इसपर ड्यूटी स्टाफ ने कई तरह के सलाह दे डाले। एक ने कहा कि एक आवेदन लिखकर फैक्स कर दीजिए, एक ने कहा कि हम यहीं से नोट सीट पर लिखकर परीक्षा शाखा में सूचना दे देते हैं। जब ड्यूटी कर्मी से पूछा गया कि यहां का फैक्स नंबर क्या है, तो उन्होंने जवाब दिया कि आज के न्यूज पेपर में देखिए न हमें याद नहीं। कंट्रोल रूम में जो भी पर्सन ड्यूटी पर थे, उन्हें ये भी नहंी मालूम था कि फैक्स टोन क्या होता है। जब भी कोई परेशानी होती है तो वे पहले ड्यूटी कर चुके स्टाफ को बुलावा भेजते हैं।

Posted By: Inextlive