आगरा। मानसून के शुरू होते ही बुखार अपना कहर बरपाने लगेगा। घर-घर चरपाई बिछ जाएंगी। इस मौसम में डेंगू, मलेरिया समेत चिकनगुनिया के मरीज तेजी से बढ़ते है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में गतवर्ष चार मरीजों में चिकनगुनिया की पुष्टि हुई थी। बाकि, कई मरीजों को इस बीमारी से जूझना पड़ा था। डॉक्टर बताते हैं कि बीमारी से बचने का एकमात्र उपाय रोकथाम है। जिसको अपनाकर हम बीमारी को खुद से एवं अपने परिवार से दूर भगा सकते है।

मानसून के दौरान फैलता है चिकनगुनिया

एक्सपर्ट बताते हैं कि चिकनगुनिया वायरल इंफेक्शन के कारण मानसून में आम तौर पर होने वाली बीमारिसों में से एक है। यह बीमारी मनुष्यों में चिकनगुनिया वायरस ले जाने वाले मच्छरों के काटने के कारण तेजी से फैलती है। इन मच्छरों में एडीज इजिप्ती और एडीज एल्बोपिक्टस मच्छर है, जो वायरस को मनुष्य के शरीर में पहुंचाते है। यह मच्छर आमतौर पर दिन और दोपहर के समय में काटते हैं। यह घर के अंदर भी पैदा हो सकते है।

पिछले वर्ष चार मरीजों में हुई थी पुष्टि

चिकनगुनिया डेंगू और मलेरिया की तरह मानसून के मौसम में अपना कहर दिखाना शुरू करता है। इसके मच्छर दिन में काटते हैं। पिछले वर्ष स्वास्थ्य विभाग में दर्ज आकंड़ो के अनुसार चार मरीजों में चिकनगुनिया की पुष्टि हुई थी। इस बार संक्रामक रोग माह नियंत्रण अभियान के तहत लोगों को जागरूक किया जा रहा है, जिससे लोग खुद का बचाव कर बीमारियों से दूर रहें। शहर के सबसे बड़े स्वास्थ्य केन्द्र एसएन मेडिकल कॉलेज में चिकनगुनिया की निशुल्क जांच की जाती है।

चिकनगुनिया के लक्षण

-तेज बुखार

-जोड़ों में तेज दर्द

-सिर में तेज दर्द

-चक्कर आना

-उल्टी होना

-शरीर में जकड़न होना

-रैशेज या चकते पड़ जाना

-मांसपेशियों में खिचाव और दर्द होना

चिकनगुनिया से बचाव

-घर के आसपास सफाई रखें

-कहीं भी पानी को जमा न होने दें

-खाने पीने के सामान को ढक कर रखें

-फुल बाजू के कपड़े पहनें

-तुलसी का पौधा लगाने से लारवा इनका नष्ट हो जाता है

-खाने से पहले हाथों को अच्छे से धोएं

-ज्यादा से ज्यादा आराम करें

-ऑयली और स्पाइसी खाने से परहेज करें

Posted By: Inextlive