जुर्माने का डर, खत्म करेगा हवा का जहर
- पहले हर माह ढाई हजार वाहनों की होती थी प्रदूषण जांच
- सात दिनों में यह संख्या पहुंच गई 8 हजार से अधिक - राजधानी में हैं 120 प्रदूषण जांच केंद्र - शहर में 20 लाख से अधिक वाहन चल रहे हैं - बीएस थ्री वाहनों के लिए पीयूसी 6 माह के लिए जारी - बीएस फोर वाहनों के लिए पीयूसी साल भर के लिए - 10 हजार रुपए जुर्माने से बचने के लिए लोग करा रहे वाहनों के धुआं की जांच sanjeev.pandey@inext.co.in LUCKNOW: जुर्माने की बढ़ी दरों के खौफ से लोगों ने अब अपने वाहनों की पॉल्यूशन चेकिंग कराना भी शुरू कर दिया है। जिस संख्या में अब लोग पॉल्यूशन चेक करा रहे हैं उसे देखकर लगने लगा है कि अब निश्चित ही राजधानी के एयर पॉल्यूशन में कमी आएगी और लोग यहां ताजी और स्वस्थ हवा में सांस ले सकेंगे। यहां की हालत खराबलखनऊ का नाम दुनिया के टॉप 10 प्रदूषित शहरों की सूची में भी आ चुका है। यहां की जहरीली हवा का सबसे बड़ा कारण वाहनों से निकलने वाला धुआं बताया जाता है। पर्यावरणविद् और वैज्ञानिकों का कहना है कि अनफिट वाहन ही इसके लिए जिम्मेदार हैं। लोग वाहनों से निकलने वाले धुआं की जांच नहीं कराते हैं और धीरे-धीरे यह धुआं मानक से कहीं अधिक हो जाता है।
10 हजार जुर्माने का खौफ 1 सितंबर से लागू मोटर वाहन संशोधित बिल में प्रदूषण पर 10 हजार रुपए जुर्माने का प्रावधान है। इसी के खौफ से लोग वाहनों के धुआं की जांच कराकर पीयूसी (पाल्यूशन अंडर कंट्रोल) का सर्टिफिकेट ले रहे हैं। पहले जहां माह में दो-तीन सौ लोग ही वाहनों के धुआं की जांच कराते थे, वहीं अब 1 सितंबर के बाद यह संख्या हजारों में पहुंच गई है। इसे देखते हुए प्रदूषण जांच केंद्र के प्रभारी ऑनलाइन केंद्र पर लगने वाली लाइन खत्म करने के लिए लोगों की आरसी जमाकर समय देकर लोगों को बुला रहे हैं। बॉक्स यहां प्रदूषण जांच की सुविधा - सभी कंपनियों के सर्विस सेंटर पर - पेट्रोल पंपों के अलावा भी कुछ जगहों पर बॉक्स टू व्हीलर के निर्धारित मानक - पेट्रोल वाले टू व्हीलर से कार्बन डाईऑक्साइड 3.5 आरपीएम से अधिक नहीं होनी चाहिए। - हाईड्रोकार्बन का 4500 आरपीएम से अधिक उत्सर्जन न हो। कोटसितंबर की शुरुआत से ही बड़ी संख्या में लोगों ने वाहनों का प्रदूषण चेक कराना शुरू कर दिया है। इसके सकारात्मक परिणाम वायु प्रदूषण में कमी के रूप में सामने आने की उम्मीद है। प्रदूषण न चेक कराने वालों के खिलाफ अभियान भी चल रहा है।
वीके सिंह, अपर परिवहन आयुक्त आईटी सेल, परिवहन विभाग कोट जुर्माने के डर से लोग अपने वाहनों की पॉल्यूशन चेकिंग करा रहे हैं। बड़ी संख्या में लोग खुद ही प्रदूषण जांच केंद्र पहुंच रहे हैं। संजय तिवारी, एआरटीओ प्रशासन