जुर्माने का डर, सुधरी ट्रैफिक की डगर
जुर्माने के नए रेट नहीं हुए लागू, फिर भी जुर्माने के डर से सुधर रही शहर की ट्रैफिक व्यवस्था
5 साल के मुकाबले घट गई सड़क हादसों की संख्या 1 सितंबर से लेकर 15 सितंबर के बीच हुए सबसे कम एक्सीडेंट एसपी ट्रैफिक ने जारी किया सड़क हादसों का डाटा एक से 15 सितंबर के बीच 34 फीसदी सड़क हादसों में कमी आई 2018 के मुकाबले 56 फीसदी सड़क हादसों में कमी आई 2017 के मुकाबले 58 फीसदी कम हुए सड़क हादसे साल 2016 और 2015 के मुकाबलेMeerut। भले ही अभी यूपी में नए जुर्माने के रेट लागू नहीं हुए हो लेकिन लोगों ने ट्रैफिक रूल्स को फॉलो करना शुरू कर दिया है। पिछले पांच साल की बात करें तो एक सितंबर से लेकर 15 सितंबर के बीच सबसे कम एक्सीडेंट में मौत इस साल हुई है। ट्रैफिक पुलिस ने आंकड़ा जारी करते हुए बताया कि यदि इस तरह से ट्रैफिक रूल्स फॉलो होते रहे तो सड़क हादसों में कमी आएंगे। हालत यह है कि जुर्माने के नए रेट का असर दिखना शुरू हो गया है। आमतौर पर ट्रैफिक नियमों को तोड़ने से वाहन चालक गुरेज नहीं करते थे, लेकिन अब डर से सही लेकिन वे ट्रैफिक रूल्स को फॉलो कर रहे हैं।
जुर्माने की वजह से लोगों में डर हालांकि, जुर्माने के नए रेट अभी लागू नहीं हुए हैं, लेकिन पुलिस की सड़कों पर सक्रियता और चेकिंग के चलते लोगों ने ट्रैफिक रूल्स को फॉलो करना शुरू कर दिया है। एसपी ट्रैफिक ने पिछले पांच साल में एक सितंबर से लेकर 15 सितंबर तक का डाटा सड़क हादसों का निकलवाया तो इस साल इस अवधि में सबसे कम एक्सीडेंट और मौत हुई है। ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों का मानना है कि ट्रैफिक रूल्स फॉलो होने की वजह से एक्सीडेंट में काफी कमी आई है। सड़क हादसे कम होना अच्छी बात है। सड़क हादसों का आंकड़ा सड़क दुर्घटनाएं मृतकों की संख्या 2015 40 192016 36 19
2017 38 18 2018 44 12 2019 अब तक 32 8 ( पिछले पांच सालों में एक सितंबर से लेकर पंद्रह सितंबर तक ) पांच सालों का आंकड़ा सड़क दुर्घटनाएं मृतकों की संख्या2015 663 254
2016 711 284 2017 736 302 2018 698 2942019 अब तक 710 311
अभी जुर्माने के नए रेट लागू नहीं हुए हैं, लेकिन आम लोगों ने यातायात के नियमों का पालन करना शुरू कर दिया है। यही वजह है कि लगातार सड़क हादसों की संख्या सितंबर माह में पिछले पांच सालों के मुकाबले घटी है। संजीव वाजपेयी, एसपी ट्रैफिक