- मार्च के टेंशन में होली हो जाएगी फीकी

- नए वित्तीय वर्ष और स्कूल एडमिशन के चलते लोग कर रहे त्योहार के खर्चो में कटौती

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र: मार्च का महीना यूं तो सभी के लिए मुश्किल भरा होता है। एक तरफ जहां न्यू सेशन में बच्चे के दाखिले के लिए भारी भरकम फीस चुकानी पड़ती है। वहीं इनकम टैक्स रिर्टन दाखिल करना भी इसी महीने का झंझट है। इस बार तो मार्च के पहले ही हफ्ते में पड़े होली पर्व ने लोगों का बजट ही पूरी तरह बिगाड़ कर रख दिया है। गोरखपुराइट्स भी इस परेशानी से अछूते नहीं हैं। खासकर प्राइवेट जॉब वाले लोगों को तो समझ ही नहीं आ रहा कि दो तारीख को पड़ रही होली के खर्चो के बाद महीने के आखिर बच्चों के एडमिशन के लिए रुपए कैसे मैनेज होंगे।

खर्चो के टेंशन ने फीकी कर दी होली

बता दें, एक अप्रैल से नया वित्तीय वर्ष शुरू हो जाएगा। वहीं एक अप्रैल से स्कूलों में न्यू सेशन भी शुरू हो जाएगा। ऐसे में बच्चे के दाखिले के लिए मोटी फीस जमा करना और इनकम टैक्स जमा करने के लिए पैसे का इंतजाम करना प्राइवेट जॉब वाले लोगों के लिए खासा मुश्किल हो रहा है। ऊपर से मार्च की शुरुआत में ही पड़ रही होली पर बिना सैलरी ही तमाम खर्चे मैनेज करने को लेकर भी लोग टेंशन में हैं। कोई उधार लेकर होली सेलिब्रेशन की तैयारी कर रहा है तो किसी ने खर्चो में कटौती कर ही एंज्वॉय करने को मुनासिब समझा है।

20 मार्च से ढीली होने लगेगी

सिटी के स्कूलों में न्यू एडमिशन के लिए फीस जमा करने का सिलसिला 20 मार्च से शुरू कर दिया जाएगा। होली के खर्चो के बाद फीस जमा करने से लेकर कॉपी, किताब, ड्रेस आदि खरीदने को लेकर लोगों की फाइनेंशियल टेंशन बढ़ चुकी है। वहीं सालाना आय पर लगने वाले इनकम टैक्स के लिए लोग सीए ऑफिस का चक्कर भी लगा रहे हैं।

कोट्स

मार्च के महीने ने पूरी तरह टेंशन में डाल दिया है। दो मार्च को होली है लेकिन सेलिब्रेशन तो करना ही है। उसके बाद बच्चे की एडमिशन फीस जमा करना और रिटर्न दाखिल करना है। पूरी तरह बजट ही गड़बड़ा गया है।

- सनी श्रीवास्तव, कलाकार

एक दिन बाद होली है और उसके बाद बच्चों के दाखिले का सिलसिला शुरू हो जाएगा। अब समझ में नहीं आ रहा कि बच्चे के दाखिले के लिए पैसा रखें कि होली सेलिब्रेशन करें। होली थोड़ी फीकी जरूर होगी।

- अनिता देवी, हाउस वाइफ

इस बार होली, एडमिशन और इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना, सारी टेंशन एक साथ है। हालांकि एडमिशन और रिर्टन दाखिल करना जरूरी है इसलिए त्योहार के खर्चो में कटौती कर दी है।

- अर्चना चौरसिया, हाउस वाइफ

सैलरी का अभी तक पता नहीं है। होली भी दो मार्च को है। ऊपर से एडमिशन भी कराना है। अब जो जरूरी है उसे ही करेंगे। चूंकि आय सीमित है तो खर्चे कम करने ही होंगे।

- गुड्डू, प्राइवेट सर्विसमैन

Posted By: Inextlive