- स्कूल बसों से बच्चों को निशुल्क ट्रांसपोर्ट के नियम की अनदेखी

- परिवहन विभाग से छूट के बावजूद अभिभावकों से वसूल रहे फीस

Meerut । अभिभावकों से अधिक से अधिक फीस वसूलने के लिए प्राइवेट स्कूल परिवहन विभाग तक की आंख में धूल झोंककर स्कूल बस मेंटिनेंस के नाम पर हजारों रुपए सालाना ट्रांसपोर्ट फीस वसूल रहे हैं।

परमिट में हो रहा खेल

नियमानुसार यदि किसी स्कूल द्वारा स्कूल बस के परमिट के लिए परिवहन विभाग में आवेदन किया जाता है तो स्कूल संचालन को एक एनओसी देनी पड़ती है जिसमें स्कूल संचालक द्वारा यह शपथ ली जाती है कि वह स्कूली बच्चों को निशुल्क ट्रांसपोर्ट सुविधा का लाभ देगा। केवल बस मेंटिनेंस का शुल्क उनकी फीस में जोड़ा जा सकता है। परमिट के लिए स्कूल संचालक यह एनओसी जमा कर देते हैं। लेकिन इसका पालन नही किया जाता।

छूट के बाद भी जारी लूट

स्कूल संचालक स्कूल बसों को मिलने वाली छूट जैसे वन टाइम टैक्स, सालाना फिटनेस, रजिस्ट्रेशन आदि में मिलने वाली छूट लेने के लिए झूठा शपथ पत्र दाखिल करते हैं और इस छूट के बाद भी ट्रांसपोर्ट शुल्क के नाम पर अभिभावकों से मोटी फीस वसूली जाती है।

छह हजार से 15 हजार तक फीस

ट्रांसपोर्ट के नाम पर छोटे से बड़े निजी स्कूल द्वारा सालाना 6 हजार से लेकर 15 हजार रुपए तक प्रति बच्चे फीस वसूली जाती है। जबकि बस को निशुल्क सेवा के लिए स्कूल बस में रजिस्टर्ड किया जाता है।

स्कूल मेंटिनेंस में ट्रांसपोर्ट शुल्क

इस खेल में स्कूल संचालकों द्वारा यह सावधानी बरती जाती है। कि अभिभावकों को ट्रांसपोर्ट फीस के नाम पर कोई रसीद या कोई अलग से जानकारी नही दी जाती पूरा ट्रांसर्पोटेशनशुल्क स्कूल मेंटिनेंस में जोड़ कर वसूला जाता है।

वर्जन-

किसी भी स्कूल बस को बिना एनओसी के परमिट नही दिया जाता है। उस एनओसी में स्कूल संचालक द्वारा निशुल्क सेवा देना की बात लिखी जाती है वह केवल कुछ प्रतिशत बस की मेंटिनेंस का शुल्क ले सकता है। वह कितना होगा यह स्कूल पर निर्भर है।

- डॉ। विजय कुमार, आरटीओ

ये हैं स्कूल बसों के मानक-

- वाहन का रंग गोल्डन येलो रंग तथा बॉडी के दोनो ओर बीचोंबीच 4 इंच की चौड़ी नीले रंग की पट्टी होगी

- बंद दरवाजों के अतिरिक्त दो इमरजेंसी गेट बस में होने चाहिए।

- एक दूसरे के सामने की दिशा में लगाई गई सीटें गेट के पास स्थापित होनी चाहिए।

- बस में चढ़ने के लिए फुट बोर्ड के अतिरिक्त दरवाजे में कोलेप्सबिल फुटस्टेप होना चाहिए।

- सीट के नीचे स्कूल बैग रखने की व्यवस्था होनी चाहिए।

- सीट की खिड़की के बाहर शीशे और चैनल लगा होना चाहिए।

- गेट खोलने के लिए स्कूल या स्टॉफ का चिंह गेट के पास और पीछे दाहिनी ओर लिखा हो।

- गेट खोलने पर ध्वनि व लाइट के माध्यम से ब्लिंकर की व्यवस्था हो।

- चालक की सीट के पीछे स्पीड अलार्म, स्पीड गर्वनर व बस में अग्नि शमन यंत्र, फ‌र्स्ट एड बॉक्स लगा होना चाहिए।

- बस पर स्कूल का नाम, मोबाइल नंबर जरुर लिखा होना चाहिए।

- अगर स्कूल के बच्चों की आयु 12 साल से कम है तो बस में बैठने की क्षमता से 1.5 गुना अधिक बच्चे नही होने चाहिए।

- चालक का हल्के नीले रंग की शर्ट व पैंट पहनना अनिवार्य है।

Posted By: Inextlive