'आप सुंदर हैं तो लोग 'आइटम' का तमगा देते हैं'
लेकिन एक लड़की होने के नाते स्टैंड-अप कॉमेडियन होने की अपनी अलग चुनौतियां हैं.सुगंधा मिश्रा जब स्टेज पर आती हैं, तो लोग उनकी ख़ूबसूरती की वजह से कई बार ऐसी टिप्पणियां कर देते हैं, जो उन्हें मुश्किल में डाल देती हैं."कॉमेडी में ठीक-ठाक या प्रेज़ेंटेबल लगना आपके लिए मुश्किलें खड़ी कर देता है क्योंकि उससे लोग आपको देखते ही हंसना शुरू नहीं कर देंगे. फिर यह भी ध्यान में रखना पड़ता है कि आपका कोई एक्ट अश्लील न हो जाए."-सुगंधा मिश्रा, स्टैंड-अप कॉमेडियनबीबीसी से ख़ास बातचीत में सुगंधा ने बताया, ''कॉमेडी में ठीक-ठाक या प्रजेंटेबल लगना आपके लिए मुश्किलें खड़ी कर देता है. क्योंकि उससे लोग आपको देखते ही हंसना शुरू नहीं कर देंगे. फिर यह भी ध्यान में रखना पड़ता है कि आपका कोई एक्ट अश्लील न हो जाए.''
सुगंधा के मुताबिक़ कई बार लोग आपकी बातों को दूसरे अर्थों में लेकर मतलब निकालने लगते हैं कि यह लड़की कुछ ज़्यादा ही खुली हुई है.लाइव शो की चुनौती
एक घटना का ज़िक्र करते हुए सुगंधा कहती हैं, ''एक बार मैं एक लाइव शो कर रही थी. मेरे स्टेज पर जाते ही लोगों ने शोर मचाना शुरू कर दिया और आइटम-आइटम कहकर चिल्लाने लगे. ऐसी स्थिति में बोल्ड और स्मार्ट बनना पड़ता है. तब मैंने अचानक गाना शुरू किया और स्थिति संभाली.''
सुगंधा ख़ुश हैं कि उन्हें पहचान मिल रही है और अब तो उनके पास दो-तीन फ़िल्में भी हैं. वह साजिद नाडियाडवाला की फ़िल्म 'हीरोपंती' में सेकेंड लीड हीरोइन का रोल कर रही हैं.भारती सिंह
"अगर आपको ऐसा लगता है तो आप मत देखिए. रिमोट आपके पास है. सनी लियोनी को किसने हिट किया? सबको पता है कि वो पोर्न स्टार हैं. आप अगर उनकी फ़िल्म देखने न जाते, तो वे हीरोइन नहीं बनतीं."-भारती सिंह, स्टैंड अप कॉमेडियनइस पर भारती कहती हैं, ''अगर आपको ऐसा लगता है तो आप मत देखिए. रिमोट आपके पास है. सनी लियोनी को किसने हिट किया? सबको पता है कि वो पोर्न स्टार हैं. आप अगर उनकी फ़िल्म देखने न जाते, तो वो हीरोइन नहीं बनतीं. आप ही उस चीज़ को बढ़ावा देते हैं. हालांकि हमारा शो तो एक फ्रूट प्लेट की तरह है, जिसमें हर तरह के फ्रूट हैं. आपको जो पसंद नहीं है उसे मत खाइए.”क्या पुरुष और महिला स्टैंड-अप कॉमेडियन को मिलने वाले पैसों में फ़र्क होता है.भारती कहती हैं, ''मुझे तो अच्छे पैसे मिलते हैं. मैं काम का कोई मौक़ा नहीं छोड़ती. दिन-रात काम करती हूं. रात को जब घर वापस लौटती हूं और अपनी मां और भाई को एसी में सोते देखती हूं, तो बड़ा सुकून मिलता है.''आगे क्या लक्ष्य है. भारती फ़ौरन कहती हैं, ''हाउसवाइफ़ बनना चाहती हूं.''