हंगामा बढ़ता देख सोमवार तक के लिए बोर्ड बैठक हुई स्थगित

कर्मचारी की अभद्रता पर बिफरे पार्षद, कर्मचारी के सस्पेंशन को लेकर घंटो हंगामा

निर्णय ना लेने पर महिला पार्षदों ने नगरायुक्त पर फेंकी चूडि़यां

Meerut। वैसे तो नगर निगम की बोर्ड बैठक में शहर के विकास के लिए कई प्रस्तावों पर चर्चा होनी थी, लेकिन नगर निगम की बोर्ड बैठक ट्यूजडे को एक बार फिर मुद्दों से भटक कर हंगामे का अखाड़ा बन गई। पहले पार्षदों के गुट में आपस में झड़प हो गई। वह निपटी तो निगम कर्मचारी की अभद्रता पर पार्षद और निगम कर्मचारियों के बीच हाथापाई हो गई। मामला इस कदर बढ़ा कि पार्षदों ने निगम के दो कर्मचारियों के निलंबन के लिए बोर्ड बैठक में हंगामा कर बैठक का बहिष्कार कर दिया। इसी बीच निगम कर्मचारी के निलंबन पर निर्णय ना लेने से गुस्साई महिला पार्षदों ने नगरायुक्त पर चूड़ी तक फेंक दी। हंगामा बढ़ता देख सोमवार तक के लिए बोर्ड बैठक को स्थगित कर दिया गया।

बिना एजेंडे पर बिफरे पार्षद

सात माह के इंतजार के बाद आखिरकार मंगलवार को बोर्ड बैठक का आयोजन किया गया। नियमित रूप से वंदेमातरम के बाद सदन में पार्षदों ने पिछली बोर्ड बैठक में स्वीकृत प्रस्तावों की प्रगति रिपोर्ट पर चर्चा शुरु की थी। इस बीच पार्षद अब्दुल गफ्फार ने नए सत्र के प्रस्तावों की मांग करना शुरु कर दिया। भाजपा पार्षदों ने नए प्रस्तावों से पहले पुराने प्रस्तावों की पुष्टि कराने को कहा, इस बात पर भाजपा व विपक्षी दल के पार्षदों के बीच कहासुनी हो गई। पार्षद ललित नागदेव और पार्षद अब्दुल गफ्फार आमने सामने आ गए और हंगामा हो गया। मामला इस कदर बढ़ा कि नगरायुक्त ओर महापौर को मंच से उठकर जाना पड़ गया।

बाहरी लोगों की एंट्री से हंगामा

जैसे तैसे पार्षदों के आपसी विवाद को सुलझा कर बोर्ड बैठक को आगे बढ़ाया गया। लेकिन इसी बीच अपने क्षेत्र में जलभराव व पेयजल की समस्या को लेकर नगरायुक्त से मिलने पहुंचे भगवतपुरा के लोगों ने बोर्ड बैठक में जबरन घुसने का प्रयास किया लेकिन निगम कर्मचारियों ने उन्हें बाहर ही रोक दिया। इस बात पर बाहर से लोगों ने गेट पर पथराव कर दिया। जबरन लोगों ने गेट के अंदर आने का प्रयास किया। इस पर पार्षदों ने आरोप लगाया कि ये लोग बोर्ड बैठक को बाधित करने के लिए निगम के कर्मचारी राजेश ने बुलाए हैं। राजेश ने इस बात का विरोध किया तो पार्षद नीरज ठाकुर और राजेश के बीच कहासुनी हो गई। आरोप है कि गहमागहमी के बीच निगम के लिपिक राजेश और हरवीर ने पार्षद नीरज और राजकुमार को गाली दे दी। जिससे पार्षद भड़क गए और मामला हाथापाई तक पहुंच गया। पार्षद और निगम कर्मचारी मेयर व नगरायुक्त के सामने मंच के सामने ही भिड़ गए।

सीओ और सिटी मजिस्ट्रेट ने संभाली व्यवस्था

हंगामा इस कदर बढ़ा कि दूसरी बार नगरायुक्त और मेयर मंच से उठकर चले गए और मंच पर अफरा तफरी मच गई। मामले की जानकारी मिलते ही सीओ दिनेश शुक्ला समेत सिटी मजिस्ट्रेट मौके पर पहुंच गए और नगरायुक्त से बात करने के बाद जैसे तैसे तीसरी बार बैठक का शुरु कराया।

शुरु हुआ धरना

तीसरी बार बोर्ड बैठक शुरु कराने के लिए मंच पर पहुंचे नगरायुक्त से पार्षदों ने हंगामा करते हुए तुरंत राजेश बाबू और हरवीर को निलंबित करने की मांग करते हुए मंच के सामने जमीन पर बैठकर हंगामा शुरु कर दिया। नगरायुक्त ने कार्रवाई के लिए समय मांगा लेकिन पार्षद नही माने। पार्षदों ने आरोप लगाया कि निगम में कई सालों से कर्मचारी एक ही पटल पर टिके हुए हैं उनका पटल परिवर्तन किया जाए और आरोपी बाबू को निलंबित किया जाए तब बैठक आगे बढ़ेगी।

कर्मचारी ने मांगी मंच से माफी

इसी बीच नगरायुक्त ने आरोपी कर्मचारी राजेश को मंच पर बुलाकर माफी भी मंगवा दी, लेकिन पार्षद नही माने और राजेश को मंच से भगाने के लिए हंगामा कर दिया। निलंबन पर निर्णय ना लेने पर गुस्साई महिला पार्षद स्वाति बंसल ने नगरायुक्त पर चूड़ी तक फेंक दी। चूड़ी से गुस्साए नगरायुक्त चौथी बार मंच से उठकर कमरे में चले गए। इसके बाद बैठक को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

Posted By: Inextlive