प्रख्यात कथाकार दूधनाथ सिंह को हिन्दुस्तानी एकेडेमी से था गहरा लगाव

29 मार्च 2017 को एकेडेमी के स्थापना दिवस समारोह में हुए थे शामिल

ALLAHABAD: 28 मार्च 2017 को हिन्दुस्तानी एकेडेमी में अगले दिन होने वाले स्थापना दिवस समारोह के लिए कार्यक्रम की अंतिम योजना बनाई जा रही थी। उस दिन प्रख्यात कथाकार दूधनाथ सिंह एकेडेमी के कोषाध्यक्ष रविनंदन सिंह के पास पहुंचे और पूछा कि क्या कार्यक्रम बनाया जा रहा है? इस पर रविनंदन सिंह ने कहा कि आप तो इसमें आएंगे नहीं। तब दूधनाथ सिंह बोल पड़े कि मैंने यहीं से साहित्य का पाठ पढ़ा है। हमें एकेडेमी से मतलब है बहिष्कार से नहीं। इसके बाद वे 29 मार्च को स्थापना दिवस समारोह में पहुंचे तो एकेडमी प्रशासन ने उन्हें ससम्मान मंच पर बैठाया था।

तो संगठनों ने किया बहिष्कार

प्रख्यात कथाकार दूधनाथ सिंह अब दुनिया में नहीं रहे, लेकिन उनका हिन्दुस्तानी एकेडेमी से गहरा लगाव था। समाजवादी पार्टी की सरकार में 2013 में डॉ। सुनील जोगी को एकेडेमी का अध्यक्ष बनाया गया था। तब प्रगतिशील लेखक संघ, जनवादी लेखक संघ और जनसंस्कृति मंच ने एकजुट होकर उनकी नियुक्ति का विरोध किया था और एकेडेमी के कार्यक्रमों का बहिष्कार भी कर दिया था। इसके बावजूद दूधनाथ सिंह दर्जनों बार एकेडमी में जाकर प्रख्यात साहित्यकार स्व। धीरेन्द्र वर्मा के समग्र साहित्य पर आलोचनात्मक पुस्तक लिखने के लिए जानकारियां एकत्र करते थे।

एकेडमी में शोकसभा

हिन्दी साहित्य जगत के प्रख्यात कथाकार दूधनाथ सिंह के निधन से आहत हिंदुस्तानी एकेडमी परिवार ने शुक्रवार को कामकाज ठप रखा। एकेडमी परिसर में हुई शोकसभा में अधिकारियों व कर्मचारियों ने दो मिनट का मौन रखकर उनके कृतित्व व व्यक्तित्व को याद किया।

दूधनाथ सिंह का पूरा जीवन साफगोई से परिपूर्ण रहा। उन्होंने साहित्यिक संगठनों के विरोध के बावजूद एकेडमी से नाता जोड़े रखा था। उनके सम्मान में एक विशेषांक निकालने की योजना बनाई जाएगी।

-रविनंदन सिंह, कोषाध्यक्ष हिन्दुस्तानी एकेडेमी

Posted By: Inextlive