पीले रंग के फूल घर या ऑफिस के दक्षिण पश्चिम या उत्तर-पूर्व में होने चाहिए। ऐसा होने पर घर वाले उत्साह से लबरेज रहते हैं।


कानपुर। फूलों से मानसिक असंतुलन को संतुलित किया जा सकता है क्योंकि यह प्रेम के प्रतीक होते हैं, फिर चाहे फूल कृत्रिम ही क्यों न हो। यह जीवन में सक्रियता को बढ़ावा देते हैं। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में सहायक होते हैं। फूल मन को सुगंध देते हैं। इसके अलावा यह घर के वास्तु में भी सहायक होते हैं। आइए जानते हैं इन्हें घरों में लगाने के वास्तु अनुरूप तरीकों के बारे में -

1 - लाल रंग के फूल दक्षिण दिशा और पीले रंग के फूल दक्षिण-पश्चिम या उत्तर-पूर्व में होना चाहिए. ऐसा होने पर व्यक्ति उत्साहित रहता है।

2 - ताजे फूल शयन कक्ष में नहीं रखने चाहिए. सूखे फूलों को गुलदस्ते में से निकाल देना चाहिए. गुलदस्ते में फूल ताजे ही लगाएं और इसे दक्षिण में ही रखें। ऐसा करने से आपको सम्मान की प्राप्ति होती है।

3 - परिवार के सदस्यों के बीच संबंध सुधारने के लिए बैंगनी रंग के, बैंगनी गुलदस्ते में अग्नि कोण (संबंध क्षेत्र) में रखना ठीक रहता है। ध्यान रखें फूल अगर सूख जाएं तो इन्हें निकालकर ताजे फूलों का उपयोग ही करना चाहिए.

4 - फूल पौधे के तत्व का प्रतिनिधित्व करते हैं। लकड़ी तत्व का अर्थ है- विकास, उन्नति, फैलाव आदि इसलिए ताजे फूलों को व्यवसाय या कार्यालय में रखना पसंद किया जाता है। इससे नकारात्मक ऊर्जा संतुलित रहती है।

5 - विज्ञान कहता है कि ताजे फूल वातावरण को शुद्ध करते हैं। ये दरवाजे के पास रखे होने चाहिए, जिससे दरवाजे से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो सके।

6 - बोनसाई पौधे भले ही खूबसूरत हों, पर इन्हें घर में नहीं रखना चाहिए. अगर इन्हें घर में रखते हैं, तो ये घर के अंदर के विकास को रोक देते हैं इसलिए इनका उपयोग वास्तु और फेंगशुई दोनों में ही वर्जित माना गया है।

Posted By: Chandramohan Mishra