फर्टिलाइजर घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई के आवास सहित एक दर्जन से अधिक जगहों पर छापेमारी की। राजस्व खुफिया निदेशालय ने 2012-13 में इस मामले का खुलासा किया था।


नई दिल्ली (आईएएनएस)। राजस्थान में मचे सियासी बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को फर्टिलाइजर घोटाले मामले में दिल्ली, राजस्थान, गुजरात और पश्चिम बंगाल के एक दर्जन से अधिक जगहों पर छापेमारी की। इसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत का निवास भी शामिल है। ईडी के एक टाॅप सोर्स ने आईएएनएस को बताया ईडी इस मामले में देश भर में विभिन्न स्थानों पर खोज कर रही है। हमारी टीमें गुजरात में चार स्थानों पर, राजस्थान में छह स्थानों पर, पश्चिम बंगाल में दो और दिल्ली में एक स्थान पर तलाशी कर रही हैं। सूत्र ने यह भी कहा कि वित्तीय जांच एजेंसी अग्रसेन गहलोत के परिसरों में भी तलाशी ले रही है। इंडस्ट्रियल सॉल्ट के रूप में मलेशिया-सिंगापुर को निर्यात किया
अग्रसेन गहलोत के स्वामित्व वाली कंपनी पोटाश (एमओपी) उर्वरक का निर्यात करने में शामिल थी, जो निर्यात के लिए प्रतिबंधित है। एमओपी को इंडियन पोटाश लिमिटेड (आईपीएल) द्वारा आयात किया जाता है और फिर इसे किसानों के बीच रियायती दरों पर वितरित किया जाता है। सूत्रों के अनुसार, अग्रसेन गहलोत आईपीएल के अधिकृत डीलर थे और 2007-09 के बीच उनकी कंपनी ने रियायती दरों पर एमओपी खरीदा और इसे किसानों को वितरित करने के बजाय कुछ अन्य कंपनियों को बेच दिया था। उन्होंने इसे इंडस्ट्रियल सॉल्ट के रूप में मलेशिया और सिंगापुर को निर्यात किया।राजस्व खुफिया निदेशालय ने 2012-13 में किया था खुलासाईडी का यह तलाशी अभियान तत्कालीन उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सचिन पायलट द्वारा किए गए विद्रोह के बाद सामने आया है, जबकि राजस्व खुफिया निदेशालय ने 2012-13 में इस मामले का खुलासा किया था। बता दें कि राजस्थान में विधायकों के कथित खरीद-फरोख्‍त के मामले के आरोपों के बीच स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की ओर से सचिन पायलट को बयान दर्ज कराने के लिए भेजे गए नोटिस के बाद से यहां पर विवाद छिड़ गया। इसके बाद 14 जुलाई को सचिन पायलट को पार्टी ने तमाम पदों से हटा दिया था।

Posted By: Shweta Mishra