यूपी विधानसभा चुनाव 2017: कभी यहां चुनाव का रुख डकैत तय करते थे
पूरा इलाका रहा है डकैत प्रभावी
चौथे चरण के चुनाव में जालौन, झांसी, ललितपुर, महोबा, बांदा, हमीरपुर, चित्रकूट और फतेहपुर में भी मतदान हो रहा है और ये पूरा क्षेत्र किसी समय डाकुओं के आतंक का शिकार रहा है। आज भी इस क्षेत्र से कई बाहुबली चुनाव के मैदान में ताल ठोंक रहे हैं। मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश तीन तीन राज्यों की सीमाओं से लगा सैकड़ों मील के दायरे में फैला बीहड़ अपने दामन में जुर्म की दुनिया के अनगिनत किस्से दफ्न किये है। अब हालाकि डकैतों का पुराना आतंक कम हो गया है लेकिन उनका प्रभाव इस इलाके में आज भी है। ये डाकू फिलहाल प्रदेश की अगली सरकार का भविष्य तय करने में लगे हुए हैं। इन दिनों ये डाकू राजनीतिक पार्टियों के पैसे पर उनके चुनावी प्रचार में जुटे हुए हैं। इनके प्रभाव से राजनीतिक दलों की जीत हार का प्रतिशत ही भविष्य भी तय होता है। इसी के चलते मुठभेड़ में मारे जा चुके कुख्यात डकैत ददुआ का बेटा वीर सिंह चित्रकूट जिले की कर्वी सदर सीट से समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया है। इसके पहले भी पूर्व दस्यु सुंदरी फूलनदेवी सपा के टिकट पर सांसद तक का चुनाव लड़ चुकी हैं।
रजवाड़ों की जंग
इसी तरह ये इलाका रजवाड़ों की जंग का मैदान भी रहा है। अब पहले की तरह ये राजे महाराजे युद्धभूमि में हथियारों से युद्ध नहीं करते बल्कि चुनाव के मैदान में बैलेट की लड़ाई लड़ते हैं। जैसे कुंडा से निर्दलीय प्रत्याशी हैं रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया जो प्रतापगढ़ के भदरी रियासत के राजा है और प्रदेश के दंबंगों में गिने जाते हैं। हालाकि पूर्व में उन्हें सपा का सर्मथन प्राप्त था। पहने कहा जा रहा था कि उनके खिलाफ प्रतापगढ़ की राजकुमारी रत्नासिंह कांग्रेस के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ेंगी पर सपा कांग्रेस के गठबंधन के बाद राजा भैया ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बनाया और अब वो दोबारा विधायक बनने का सपना लेकर मैदान में हैं।
यूपी इलेक्शन 2017: विधायकी में किस्मत आजमाने उतरे कभी सांसद रहे ये 22 चेहरे
UP Election 2017: वोट डालने के बाद उठी डोली और विदा हुई दुल्हन National News inextlive from India News Desk