- आरपी घाट के किनारे रहने वाले लड़कों ने घाट पर सजाया एक्यूरियम, एक दो दिन में इसमें दिखेंगी रंग बिरंगी मछलियां

- तीन माह पहले इसी घाट पर फैला था गंदगी का साम्राज्य, अस्सी घाट के बाद आरपी घाट ने भी पेश की अन्य घाटों के लिए नजीर

VARANASI:

अपना घर हो या ऑफिस, उसे हम सजाकर रखने की पूरी कोशिश करते है। सुंदरता बढ़ाने के लिए एक्यूरियम, जार व तरह-तरह के फूल गमले आदि रखते हैं। सुंदरता के जरिये आंखों को सुकून भरा अहसास देने के लिए हम तमाम जतन करते हैं। कुछ इसी जुनून के साथ आरपी घाट के किनारे रहने वाले लड़कों ने घाट को अपना घर समझते हुए घाट की सुंदरता में चार चांद लगाने का काम किया है। जिस घाट पर तीन माह पहले चहुंओर गंदगी का साम्राज्य फैला हुआ था आज उसी घाट को इन लड़कों ने साफ कर जन्नत सरीखा बनाने की कोशिश की है। इन्होंने यहां पर एक एक्यूरियम जार बनाया है। जिसमें एक-दो दिनों में रंग-बिरंगी मछलियां घाट की शोभा बढ़ाती हुई नजर आएंगी।

एकदम यूनीक होगा आरपी घाट

बनारस में कुल 8ब् घाटों में किसी भी घाट पर अब तक एक्यूरियम नहीं लगाया गया है। लेकिन आरपी घाट पहला ऐसा घाट है जहां एक्यूरियम जार लगाया गया है। लड़कों की सोच बस यही थी कि कुछ ऐसा काम किया जाए जिससे कि इस घाट का व बनारस का मान सात समंदर पार तक बढ़े। एक बार जो भी इस घाट पर आए उसका मन यहां बार-बार आने को करे। बस इसी मकसद से लड़कों ने अपनी नेक सोच को हकीकत की शक्ल दे दी है। इन लड़कों ने तय किया है कि आरपी घाट पर वे एलईडी लाइट के जरिये एक्यूरियम की शोभा निखारेंगे।

रात-दिन किया एक

आरपी घाट के दिनों दिन बदलते स्वरूप ने काशी के अन्य घाटों के लिए नजीर पेश की है। यूं तो घाटों पर अपना हक जताने वाले तमाम लोग हैं लेकिन इस तरह के नेक प्रयास करने वाले इक्के-दुक्के ही हैं। अगर बाकी अन्य घाटों को भी ऐसे ही तरह-तरह के प्रयासों से खूबसूरत बनाया जाए तो वैश्रि्वक पटल पर हमारे बनारस की पहचान व प्रशंसा और बढ़ेगी।

ये कर रहे हैं योगदान

आरपी घाट की दागनुमा तस्वीर को साफ करने में निषाद सेवा समिति के श्यामलाल निषाद, बाबू साहनी, अमरनाथ सिंह, भोला गौड़, चंदन, राजेश, सुभाष पांडेय, मदन, दुर्गा प्रसाद पांडेय, कल्लू, दिनेश मांझी व संजय आदि लड़कों की एक टुकड़ी रात-दिन एक किये हुए है।

Posted By: Inextlive