फिक्की, सीआईआई और आईआईए करेंगे इंजीनियरिंग कोर्स को अपडेट
- 1 टेक्निकल यूनिवर्सिटी प्रदेश में
- 700 कॉलेज इस यूनिवर्सिटी से संबद्ध - 1 हजार आईटीआई संस्थान - 1500 से ज्यादा पॉलीटेक्निक संस्थान - 4 लाख स्टूडेंट्स इन संस्थान में ले रहे शिक्षा फिक्की, सीआईआर और आईआईए करेंगे इंजीनियरिंग को अपडेट - यह संस्थाएं हर प्रदेश के हिसाब से एआईसीटीई को देंगी प्रॉस्पेक्टीव प्लान - पिछली बार कॉलेजों ने प्लान के स्थान पर केवल मान्यता समाप्त करने का दिया था प्रस्तावLUCKNOW: अगले सेशन में देश के सभी इंजीनियरिंग संस्थाओं में पढ़ाए जाने वाले सिलेबस में बड़े स्तर पर बदलाव किया जाएगा। अब हर स्टेट अपने हिसाब से अपने स्टेट की इंडस्ट्री और इंजीनियरिंग की जरूरतों के हिसाब से टेक्निकल संस्थाओं में कोर्स का संचालन कर सकेंगे। इसके लिए जल्द ही ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) संबंधित यूनिवर्सिटी के साथ-साथ उद्योगों से जुडे़ विभिन्न संस्थाओं से अपने हिसाब से इंजीनियरिंग में बदलाव के लिए सुझाव मांगेगा। पहले चरण में एआईसीटीई ने सभी प्रदेशों से एक प्रॉस्टप्रेक्ट्रिव प्लान मांगा था, लेकिन किसी भी स्टेट ने इसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई थी।
फिक्की, सीआईआई और आईआईए बताएंगे अपनी जरूरतेंएआईसीटीई के सचिव राजीव कुमार ने बताया कि वर्ष 2020-21 में इंजीनियरिंग के सिलेबस में बदलाव की तैयारी कर रहे हैं। संस्थाओं को सबसे पहले एनबीए एक्रिडेशन कराने के लिए कहा गया है। साथ ही एआईसीटीई फिक्की, सीआईआई, आईआईए जैसी संस्थाओं से देश के विभिन्न स्टेट में इंजीनियरिंग की जरूरतों खासकर वहां की इंडस्ट्री की जरूरतों के हिसाब से कोर्स में क्या बदलाव किया जाना चाहिए। इस पर प्रस्ताव मांगेगा। इसी के हिसाब से उस स्टेट में संचालित यूनिवर्सिटी के कोर्स में बदलाव किया जाएगा। दरअसल, इन संस्थाओं को हर स्टेट की इंडस्ट्री की जरूरतों और संसाधन के बारे में अच्छी जानकारी होती है। ऐसे में इनके सुझाव से हम इंजीनियरिंग की पढ़ाई में सुधार कर उनको अपनी इंडस्ट्री के अनुरूप कर सकते हैं।
स्टेट ने नहीं दिखाई थी रुचि राजीव कुमार बताते हैं इसे पहले एआईसीटीई ने सभी स्टेट से ऐसे ही प्रॉस्प्रेक्ट्रिव प्लान देने को कहा था, लेकिन ज्यादातर ने इसमें कोई रुचि नहीं दिखाई थी। उन्होंने कोर्स में बदलाव के स्थान पर संस्थाओं की मान्यता समाप्त करने की संस्तुति ज्यादा की थी। अब दोबारा से कोर्स में बदलाव के लिए एआईसीटीई बड़े पैमाने पर तैयारी शुरू कर रही है।