District में टोटल voters का 51.29 percent हैं male
They are the real decision makers
आठ लाख हैं male voters
1971 से लेकर 2004 तक हर जेनरल इलेक्शन में मेल वोटर्स का पोलिंग परसेंटेज सबसे ज्यादा रहा है। 2009 के स्टेट असेंबली इलेक्शन में भी मेल वोटर्स का परसेंटेज जहां 59.13 था, वहीं फीमेल वोटर्स का पोलिंग परसेंटेज 54.53 ही था। जेनरल इलेक्शन हो या स्टेट असेंबली इलेक्शन की हर बार रिजल्ट्स पर मेल वोटर्स का बड़ा असर होता है। बात पोलिंग परसेंटेज की हो या नंबर ऑफ वोटर्स में मेल की संख्या हर मामले में ज्यादा है। डिस्ट्रिक्ट की बात करें, तो यहां करीब 15 लाख 50 हजार वोटर हैं, जिनमें 7 लाख 95 हजार 621 मेल वोटर्स हैं। यानी कुल वोटर्स का करीब 51 परसेंट मेल वोटर्स। 2013 से लेकर अब तक डिस्ट्रिक्ट में मेल वोटर्स की संख्या में 32 हजार 879 का इजाफा हुआ है।
पॉलिटिक्स से भले ही दूर-दूर तक कोई नाता हो या ना हो, लेकिन देश-दुनिया में हो रही हर पॉलिटिकल हलचल पर नजर रहती है। ऐसे में जब अपना वोट डालने की बारी हो फिर क्यों पीछे रहना। बारीडीह के रहने वाले रमेश सिंह कहते हैैं कि जब-जब इलेक्शन हुए हैं उन्होंने अपने वोटिंग राइट का इस्तेमाल जरूर किया है। उन्होंने कहा कि सिर्फ खुद ही नहीं, बल्कि वोटिंग के दिन सुबह से ही अपने दोस्तों को भी फोन कर वोट डालने को कहते हैं। जुगसलाई के मनोज प्रसाद ने कहा कि यही तो एक दिन होता है जब हमें अपनी ताकत का पता चलता है। वोट देकर हम अपने देश की सरकार चुनते हैं और जब इतना बड़ा मौका मिलता है तो इससे चुके क्यों।हर सिटीजन का राइट है कि वो अपनी पसंद का कैंडिडेट चुने। इसके लिए जरूरी है कि सभी लोग अपने वोटिंग राइट का इस्तेमाल करें। अगर हम वोट नहीं डालते हैं तो अपने दायित्व का निर्वाह नहीं करते हैं।
-एल ठाकुर, आदर्श नगर
Report by : jamshedpur@inext.co.in