न ग्रेच्युटी, न जीपीएफ, तीन महीने से पेंशन तक नहीं

फाइनेंशियल क्राइसिस से परेशान हैं रिटायर्ड पेयजल निगम इंप्लॉईज

देहरादून।

आर्थिक तंगी में पेयजल निगम के रिटायर्ड कर्मचारियों का दम निकलता जा रहा है। जिंदगी के आखिरी पड़ाव में जब अपनी जमा-पूंजी की आस होती है। तब इन कर्मचारियों के पास कुछ है ही नहीं। स्थिति ये है कि निगम के तीन अपना इलाज तक नहीं करा पा रहे। कर्मचारी आर्थिक तंगी के कारण हाल ही में दम तोड़ चुके हैं। बाकी 12 से 14 साल पहले रिटायर हो चुके कर्मचारी भी फंड की आस में पेयजल निगम मुख्यालय में धरने पर बैठे हुए हैं। तीन महीने से इन कर्मचारियों की पेंशन तक नहीं दी गई है।

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तीन हजार लोगों को नहीं मिली पेंशन

पेयजल निगम के रिटायर्ड कर्मचारियों की माने तो तीन महीने से करीब तीन हजार कर्मचारियों को पेंशन नहीं मिली है। ऐसे में करीब पंद्रह करोड़ रुपये पेंशन के लिए निगम को देने हैं। यही नहीं, पांच करोड़ रुपये अन्य फंड के हैं। कर्मचारी रिटायर हो रहे हैं लेकिन उनके फंड्स नहीं दिए जा रहे हैं। ग्रेच्युटी, जीआईएस, जीपीएफ आदि के इंतजार में कर्मचारी कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। उम्र के आखिरी पड़ाव में भी दिक्कत झेलनी पड़ रही है।

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नहीं मिल पाया इलाज

स्थिति ये है कि रिटायर्ड कर्मचारी पीएस रावत कैंसर से पीडि़त हैं। फाइनेंशियल क्राइसिस की वजह वे अपना इलाज नहीं करा पाए। लल्लन दुबे को दमे की बीमारी थी लेकिन इलाज नहीं करा पा रहे थे। देवेंद्र पैन्युली लंबे समय से बीमार थे। तीनों ही कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण सही से उपचार नहीं हो पाया। ऐसे में इनकी डेथ हो गई।

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दो दिनों से तालाबंदी

उत्तराखंड जल निगम सेवानिवृत्त कर्मचारी वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से दो दिनों से मोहिनी रोड स्थित पेयजल निगम मुख्यालय पर तालाबंदी की जा रही है। जिसको लेकर एसोसिएशन के पदाधिकारियों को शासन के अधिकारियों ने वार्ता के लिए टयूज्डे को बुलाया। एसोसिएशन के अध्यक्ष दिनेश भंडारी ने बताया कि शासन के अधिकारियों से सहमति बन गई। लेकिन अपर सचिव की ओर से अभी सचिव से वार्ता की जानी है। इसके बाद वेडनेसडे को ही धरना स्थगित करने का निर्णय लिया जाएगा। धरना देने वालों में जीडी जोशी, पीके शुक्ला, पीएस रावत, जीडी जोशी सहित कई पेंशनर शामिल थे।

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इनकी दिक्कत

14 साल पहले पेयजल निगम से रिटायर हो चुका हूं। अब 74 साल की उम्र में भी अपने फंड्स के लिए धरना देना पड़ रहा है।

चंद्रमणि पैन्यूली, रिटायर्ड कर्मचारी

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10 साल पहले पेयजल निगम से रिटायर हो गया था। यदि मामला हाईकोर्ट लेकर जाते हैं तो ही यहां सुनवाई होती है।

वीके शर्मा, रिटायर्ड इंजीनियर

Posted By: Inextlive