RANCHI : रांची यूनिवर्सिटी शनिवार को रणक्षेत्र बन गया। आदिवासी छात्र संघ ने यूनिवर्सिटी प्रशासन पर चुनाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाकर खूब बवाल काटा। यूनिवर्सिटी के दो पीजी डिपार्टमेंट्स में तालाबंदी कर दी, जिसके बाद पुलिस ने कैंपस में लाठी चार्ज कर दिया। इसमें विभिन्न संगठनों के दो दर्जन से भी ज्यादा कार्यकर्ताओं को चोट आई है।

पक्षपात का आरोप

चुनाव निष्पक्ष नहीं कराने और एबीवीपी को सपोर्ट करने के आरोप के साथ ही शनिवार को बड़ी संख्या में आदिवासी छात्र संघ (एसीएस) कार्यकर्ता मोरहाबादी स्थित पीजी कैंपस पहुंचे। यहां कॉमर्स और आ‌र्ट्स सेक्शन में घूम-घूम कर टीचर्स और स्टूडेंट्स को क्लास से बाहर निकाला और ताला जड़ दिया। नारेबाजी और हंगामे के बीच क्लास ठप करा दी गईं।

एसीएस-एबीवीपी में भिड़ंत

पीजी कॉमर्स में बंद समर्थक श्वेता तिवारी और एबीवीपी समर्थक ऋचा शुक्ल के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। बहसा-बहसी के बीच दोनों ने एक-दूसरे को थप्पड़ जड़ दिया। इसके बाद चुनाव रद्द की मांग कर रहे एसीएस और एबीवीपी कार्यकर्ता भिड़ गए। तब तक एनएसयूआई समेत अन्य संगठन के कार्यकर्ता भी पहुंच गए थे। हंगामा बढ़ता देख पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी। दोनों गुटों के स्टूडेंट्स को कैंपस से बाहर तक दोड़ा-दौड़ाकर पीटा। इसमें दो दर्जन से अधिक छात्रों को चोटें आईं। कैंपस में 11 बजे से शुरू हुआ हंगामा दिन के तीन बजे शांत हो गया।

धरने से हुई कैंपस में हंगामे की शुरुआत

एसीएस कार्यकर्ता दिन के 11 से बजे छात्र संघ चुनाव में आरयू प्रशासन पर धांधली का आरोप लगाते हुए कैंपस में धरने पर बैठ गए। इस दौरान वीसी डॉ रमेश कुमार पांडेय समेत अन्य अधिकारियों के विरोध में जमकर नारेबाजी हुई। वीसी और डीएसडब्ल्यू डॉ पीके वर्मा से इस्तीफे की मांग कर रहे थे। एसीएस के नेताओं का कहना था कि निष्पक्ष चुनाव कराने में डीएसडब्ल्यू असफल रहे हैं। इन्हें स्वयं इस्तीफा दे देना चाहिए। इनका नेतृत्व एसीएस के संजय महली कर रहे थे।

झेलना पड़ा कड़ा विरोध

क्लास बंद करा रहे बंद समर्थकों को पीजी विभाग में कड़ा विरोध झेलना पड़ा। पीजी ज्योग्रफी डिपार्टमेंट के सामने स्टूडेंट्स ने कहा कि दो दिन पहले वोट मांगने आए थे तो प्रेम से बात करते थे। लेकिन, आज अपमानजनक तरीके से क्लास से बाहर कर रहे हैं। यह सब नहीं चलेगा। इसके बाद एसीएस कार्यकर्ता यह कहते हुए वहां से चले गए कि विरोध करने वाले एबीवीपी समर्थक हैं।

यह थी तालाबंदी की वजह

आरयू पीजी विभाग के प्रेसिडेंट पद के प्रत्याशी अतुल कुमार भगत को 5वें राउंड में कुल 79 वोट मिले थे। लेकिन, पोस्टिंग शून्य अंक किया गया। प्रेसिडेंट पद के ही प्रत्याशी सौरभ कुमार को एक वोट मिले थे, लेकिन 80 वोट दे दिया गया। अतुल का कहना था कि मेरा शून्य वोट नहीं हो सकता है, क्योंकि मैं अपना वोट दिया था। इसके बाद विवि प्रशासन ने त्रुटि बताते हुए सुधार कर दिया था।

नहीं पहुंचे कोई अधिकारी

मोरहाबादी स्थित पीजी कैंपस में चार घंटे तक हंगामा चलता रहा, लेकिन यूनिवर्सिटी के एक भी पदाधिकारी सूचना मिलने के बाद भी नहीं पहुंचे। टीचर्स और स्टूडेंट्स को अपने हाल पर छोड़ दिया। एबीवीपी के प्रदेश संगठन मंत्री याज्ञव्लक्य शुक्ल समेत काफी संख्या में एबीवीपी कार्यकर्ता भी पहुंच थे।

एक-दूसरे को देख लेने की दी धमकी

एबीवीपी की ओर से आशुतोष कमान संभाले हुए थे। आशुतोष व जेसीएम के अजीत उपाध्याय के बीच जमकर बहस हुई। एक-दूसरे को देख लेने की धमकी दे रहे थे। हो-हंगामे के बीच अजीत को किसी ने पीट दिया। इसके बाद कार्यकर्ता एक-दूसरे से उलझ गए।

Posted By: Inextlive