-काशी विद्यापीठ में फिल्म फेस्टिवल 'समभाव' के दूसरे दिन कई फिल्मों का हुआ प्रदर्शन

VARANASI

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में लैंगिक विविधता पर केंद्रित ट्रैवलिंग (घुमंतु) फिल्म फेस्टिवल 'समभाव' के दूसरे दिन रविवार को भी कई फिल्में प्रदर्शित की गई। इसमें 'द सेल्स मैन', 'बुलबुल कैन सांग', 'यू उशाचा' 'अनटाइंग द नाइट' नामक फिल्म शामिल रही। सोशल वर्क विभाग व एमएवीए मुंबई की ओर से परिसर स्थित गांधी अध्ययनपीठ के सभागार में आयोजित महोत्सव में 27 मिनट की श्रीचेता दास द्वारा निर्मित 'द सेल्स मैन' फिल्म में गौरी नामक नवयुवती को ट्रेन में सामान बेचने पर समस्याओं, कठिनाइयों व पुरुष पूर्वाग्रह को उजागर किया। अनाधिकृत पुरुष वेंडर भी नई महिला वेंडर के लिए कैसे चुनौतियां खड़ी करते हैं? वहीं रिमा दास द्वारा असमी भाषा में निर्मित निर्देशित 90 मिनट की फीचर फिल्म 'बुलबुल कैन सांग' नामक फिल्म में तीन दोस्तों की किशोरावस्था के माध्यम से भारतीय गांव का जीवन व यौनिकता को लेकर निर्दयी नजरिए को उजागर कराती है। फिल्म वर्तमान समाज की समस्याओं के नजदीक होने के कारण विद्यार्थियों के लिए उत्साहजनक रही। रोहन परशुराम कानवडे द्वारा निर्मित 22 मिनट की मराठी फिल्म 'यू उशाचा' जेंडर एलजीबीटी के प्रति जागरूकता पैदा करती है। जेना शमी द्वारा निर्देशित 78 मिनट की अंग्रेजी व बांग्ला भाषा में निर्मित 'अनटाइंग द नाइट' डॉक्यूमेंट्री फिल्म बांग्लादेशी छात्रा रूमाना मंजूर के जीवन संघर्ष पर भी केंद्रीय थी। इस मौके पर विभागाध्यक्ष प्रो। संजय, संस्था के सह संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी हरीश सदानी, प्रसिद्ध फिल्म एवं टेलीविजन कार्यक्रम की निर्माता रश्मि लाम्बा, फिल्म मेकर व क्यूरेटर मीनाक्षी सहारन, डॉ। बंशीधर पांडेय ने दर्शकों के प्रश्नों का जवाब दिया। संचालन डॉ। निमिषा गुप्ता व धन्यवाद ज्ञापन डॉ। अनिल कुमार चौधरी ने किया।

Posted By: Inextlive