फिल्म रिव्यू| रंगून का इंतजार मैं काफी समय से कर रहा था। विशाल भारद्वाज की पिछली फिल्म 'हैदर' में उन्होंने कश्मीर मुद्दे की पृष्ठभूमि पर एक प्रेम कहानी को दिखाया था। आशा थी की ये फिल्म विशाल की 'हैदर' से एक कदम बेहतर होगी। आशा रखना भी जायज़ है आफ्टरआल इसमें एक तरफ तो विशाल भरद्वाज का नाम जुडा हुआ है दूसरी तरफ शाहिद और सैफ भी हैं जो की इससे पहले विशाल की फिल्मों में अपनी जिन्दगी के सबसे यादगार परफॉरमेंस दे चुके हैं। इसके अलावा फीयरलेस नाडिया से इंस्पायर्ड किरदार में कंगना हैं जो कई बार अपनी अदाकारी का लोहा मनवा चुकी हैं। आइये जानते हैं कि कैसी है रंगून और क्या है फिल्म रिव्यू ।

क्या है कहानी
कहानी वर्ल्ड वार-2 के समय की है। रुस्तम एक बिजनेसमैन है और अभिनेत्री जूलिया उसकी लवर है। रुसी यानी रुस्तम उसको बर्मा भेजना चाहता है। अंग्रेजों के कहने पे, उनके मनोरंजन के लिए। रास्ते में जूलिया की मुलाकात नवाब से होती है, दोनों में प्यार हो जाता है, और एक फिल्मी लव ट्राईएंगल में ये कहानी आ पड़ती है। आगे जूलिया, नवाब और रुसी का क्या होता है, जानने के लिए देखिये रंगून।

कथा, पटकथा और निर्देशन
अब क्या कहा जाए, इस फिल्म को देख के मजा आया भी और नहीं भी। इस फिल्म की हालत उस सेवेन कोर्स डिनर जैसी है जिसकी औंत्रे और मिड कोर्स तो लाजवाब थी पर डेजर्ट आपको करेला परोस दिया गया। इसलिए आप जब अंत में उठते हैं तो ऐसा लगता था कि अब मुंह का स्वाद खराब हो गया। फिल्म की कहानी, उसकी सेटिंग, उसकी डिटेलिंग सब बढ़िया है। फिल्म का फर्स्ट हाफ बेहद ग्रिपिंग है, बस जैसे ही फिल्म अपने सेकंड हाफ में पहुंचती है फिल्म रायते की तरह फैल जाती है, जिसको अंत तक आते-आते समेटना मुश्किल हो जाता है। फिल्म की दुश्मन है इसकी एडिटिंग, फिल्म कम से कम आधा घंटा काटी जा सकती है। फिल्म अच्छी होने के बावजूद इतनी लम्बी है कि दर्शक अंत तक बैठा-बैठा ऊंघ जाए। ऐसा नहीं है कि फिल्म में मेहनत नहीं की गई है। फिल्म का प्रोडक्शन डिजाइन शानदार है, खासकर मुझे इसके कॉस्टयूम बड़े पसंद आये। सिनेमेटोग्राफी अव्वल दर्जे की है।

अदाकारी
ये डिपार्टमेंट इस फिल्म का सबसे शानदार हिस्सा है। कंगना, शाहिद और सैफ ने अपने अपने रोल में बस कमाल कर दिया है। उड़ता पंजाब के बाद ये शाहिद का एक और जबरदस्त परफॉरमेंस है। कंगना को देख के आपके मुंह से जरूर निकलेगा 'ब्लडी हेल', बहुत खूब। सैफ को देख के आप उनकी पिछली रद्दी फिल्में (फैंटम, हैप्पी एंडिंग और हमशक्ल) के लिए उन्हें माफ कर देंगे। इस फिल्म की बस एक कास्टिंग बुरी है। वो है 'हार्डिंग' के रोल में रिचर्ड समझ में नहीं आया की वो खलकिरदार निभा रहे थे या कॉमिक।
संगीत
इस फिल्म का संगीत अब तक का इस साल का बेस्ट संगीत है, इसके लिए विशाल को बधाइयां।
बॉक्स ऑफिस
उम्मीद है कि यह फिल्म आसानी से 55 से 60 करोड़ रुपये का बिजनेस कर लेगी।
कुल मिलाकर रंगून एक बुरी फिल्म नहीं है। पर देखा जाए तो इसमें हैदर जैसा कोई तिलिस्म भी नहीं है। फिल्म एक परफेक्ट पीरियड फिल्म जरूर है पर फिल्म का टोटल पीरियड बहुत लम्बा लगता है। फिल्म को री-एडिट करने की सख्त जरूरत है। फिर भी इस हफ्ते, इसके ज़बरदस्त परफॉरमेंस, संगीत और लुक एंड फील के लिए देखी जा सकती है, रंगून।

बैनर : वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स, विशाल भारद्वाज पिक्चर्स प्रा.लि., नाडियाडवाला ग्रैंडसन एंटरटेनमेंट 
निर्माता : विशाल भारद्वाज, साजिद नाडियाडवाला 
निर्देशक-संगीत: विशाल भारद्वाज
कलाकार : सैफ अली खान
सेंसर सर्टिफिकेट : यूए * 2 घंटे 48 मिनट 
रेटिंग : 3/5  

Review by : Yohaann Bhaargava
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Posted By: Molly Seth