Lockdown के बीच वित्तमंत्री के पिटारे से राहत की दूसरी किश्त, प्रवासी मजदूरों, फेरी वालों और छोटे किसानों को गिफ्ट
नई दिल्ली (पीटीआई)। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि राहत पैकेज की दूसरी किश्त माइग्रेंट वर्कर्स, स्ट्रीट वेंडर्स और छोटे किसानों के लिए जारी की गई है। सरकार इस राहत पैकेज के बूते देश की अर्थव्यवस्था में एक बार फिर से जान फूंकने की तैयारी में है।
सीमांत किसानों को 4 लाख करोड़ रुपयेवित्तमंत्री ने कहा कि पहले ही 4 लाख करोड़ रुपये 3 करोड़ सीमांत किसानों के लिए उपलब्ध कराए गए हैं। राहत पैकेज की दूसरी किश्त जारी करते हुए यह बात बताई। ध्यान रहे कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में गांव और किसानों पर जोर दिया था।मनरेगा के तहत 10 हजार करोड़ रुपये खर्च14.62 प्रवासी मजदूरों को 13 मई तक मनरेगा के तहत 10,000 करोड़ रुपये खर्च करके उनके घर के नजदीक ही काम दिए गए। कामगारों के लिए सुधारों की बात करते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर कामगारों को न्यूनतम मजदूरी तय की जाएगी।
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सरकार 3,500 करोड़ रुपये खर्च करके प्रवासी मजदूरों को पीडीएस कार्ड के जरिए केंद्र सरकार या राज्य सरकारों द्वारा अनाजों का वितरण कर रही है। वित्तमंत्री ने कहा कि पीडीएस राशन कार्ड को पोर्टेबल बनाया जा रहा है ताकि प्रवासी मजदूर देश भर में कहीं से भी अनाज ले सकें।
माइग्रेंट लेबर्स को मिलेंगे अफोर्डेबल रेंटल हाउसवित्तमंत्री ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को सरकार किफायती दरों पर किराए के आवास मुहैया कराएगी। 50 हजार रुपये तक के मुद्रा शिशु लोन पर सरकार 1,500 करोड़ रुपये की ब्याज छूट के तौर पर उपलब्ध कराएगी। लाॅकडाउन संकट से जूझ रहे 50 लाख फेरी वालों को सरकार 5,000 करोड़ रुपये की मदद देगी।छोटे किसानों को 30 हजार करोड़ रुपये की मददमध्यम वर्ग परिवारों को सरकार किफायती दरों पर आवास मुहैया कराएगी। ऐसे परिवार जिनकी आय 6 लाख रुपये से 18 लाख रुपये सालाना है उन्हें मार्च 2021 तक अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम का लाभ मिलता रहेगा। नाबार्ड के जरिए छोटे और सीमांत किसानों को 30,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त इमर्जेंसी वर्किंग कैपिटल के तौर पर मुहैया कराया जाएगा।