वित्त विहीन शिक्षकों ने डीआईओएस कार्यालय के सामने किया प्रदर्शन

पूर्णकालिक शिक्षक बनाने के लिए अधिनियम में संशोधन की उठायी मांग

ALLAHABAD: अशासकीय स्व वित्तपोषित विद्यालयों के शिक्षकों को दिया जाने वाले मानदेय बंद किए जाने के विरोध में गुरुवार को शिक्षकों ने जमकर प्रदर्शन किया। डीआईओएस कार्यालय पर बड़ी संख्या में वित्त विहीन विद्यालयों के शिक्षक एकत्र हुए और मांगों को लेकर गरजे। इस अवसर पर शिक्षकों ने मानदेय बंद किए जाने तथा बजट में इसके लिए धन आवंटित न किए जाने का विरोध किया। वित्त विहीन शिक्षकों ने मुख्यमंत्री तथा माध्यमिक शिक्षा मंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन देकर अंशकालिक शिक्षकों को पूर्णकालिक बनाने के लिए शीघ्र अधिनियम में संशोधन की मांग की।

प्रयाग से आंदोलन का आगाज

प्रदर्शन के दौरान शिक्षक विधायक सुरेश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि अंशकालिक शिक्षकों को वेतन वितरण अधिनियम से आच्छादित कराने के लिए प्रयाग की धरती से ही व्यापक आन्दोलन का आगाज होगा। उन्होंने कहा कि वित्त विहीन विद्यालयों में कार्यरत अंशकालिक शिक्षकों को पूर्णकालिक बनाने एवं निश्चित वेतनमान दिलाने के लिए संघर्ष में वे आगे रहेंगे। अगर सरकार ने मांग नहीं मानी तो नई सरकार के सामने प्रभावी आन्दोलन किया जाएगा। महासंघ की मंशा के अनुरूप माध्यमिक शिक्षक संघ की भी यहीं मंशा रही है कि जब तक अंशकालिक शिक्षकों को शिक्षक का दर्जा नहीं मिलता तब तक उनका भविष्य सुरक्षित नहीं रहेगा।

टकराहट सुनिश्चित है

महासंघ के केन्द्रीय राष्ट्रीय परिषद के अध्यक्ष डॉ। अनिल कुमार मिश्र ने कहा कि वित्त विहीन शिक्षक जब तक भूखा है, तब तक सरकार से टकराहट भी सुनिश्चित है। इस दौरान अन्य कई वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे। प्रदर्शन के दौरान प्रधान महासचिव अरविन्द त्रिपाठी, प्रदेश अध्यक्ष श्याम बहादुर सिंह, संगठन महासचिव शिव बहादुर पटेल, ललित त्रिपाठी समेत अन्य शिक्षक नेता मौजूद रहे।

Posted By: Inextlive