संभलकर लगाएं गंगा में डुबकी
गलन के चलते सांस और दिल के रोगियों को हो सकती है दिक्कत
पिछले साल दर्जनों मरीजों ने मेला हॉस्पिटल में दी थी दस्तक डॉक्टरों की राय, धूप निकलने के बाद ही करें स्नान ALLAHABAD: माघ मेले के पहले मुख्य स्नान पर्व पर सांस और दिल के रोगियों को संभलकर गंगा में डुबकी लगानी होगी। जरा सी लापरवाही भारी पड़ सकती है। दिन निकलने से पहले न करें स्नानपहला मकर संक्रांति का स्नान पर्व 14 और 15 जनवरी को आयोजित होना है। इसमें कुल 35 से 40 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। न्यूनतम तापमान भी नौ से दस डिग्री के बीच चल रहा है। टीबी एंड चेस्ट फिजीशियन डॉ। आशुतोष गुप्ता का कहना है कि इस स्थिति में दमा के मरीजों को अर्ली मार्निग स्नान को अॅवायड करना चाहिए। डुबकी लगाने से पहले धूप निकलने का इंतजार करें। स्नान के तुरंत बाद गर्म कपड़े पहनना जरूरी है। मरीज अपने साथ जरूरी दवाएं जरूर रखें।
अचानक बढ़ जाएगी दिल की धड़कनहार्ट स्पेशलिस्ट डॉ। दीपक सेठ का कहना है कि अचानक ठंडे पानी में उतरने से दिल की धड़कनें बढ़ सकती हैं। इसलिए हो सकते तो कुछ देर पैरों को पानी में डालकर बैठें। इसके बाद पानी के अंदर जाएं। फटाफट स्नान करने के बाद बिना देरी किए गर्म कपडे़ पहन लें। बता दें कि पिछले साल स्नान के दौरान सौ से अधिक मरीज सांस और सीने में दर्द की समस्या को लेकर मेला हॉस्पिटल में भर्ती कराए गए थे।
बॉक्स ट्रेंड स्टाफ रहेगा घाटों पर मौजूद स्नान के दौरान संगम समेत दूसरे घाटों पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से ट्रेंड स्टाफ की तैनाती की जा रही है, जिससे इमरजेंसी में मरीजों को तत्काल इलाज मुहैया कराया जा सके। सीएमओ डॉ। पदमाकर सिंह ने बताया कि घाटों के नजदीक एंबुलेंस लगाई जा रही हैं। पुलिस के जवानों को भी स्वास्थ्य संबंधी ट्रेनिंग दी गई है। मेले के पूर्वी और पश्चिम इलाके में 20-20 बेड के दो हॉस्पिटल बनाए गए हैं। नौ फर्स्ट एड पोस्ट भी स्थापित किए गए हैं। इनका ध्यान रखना जरूरी ठंडे पानी से बनाए रहें दूरी। सांस के रोगी इन्हेलर और जरूरी दवाएं लेकर जाएं। स्नान के तुरंत बाद गर्म कपड़े पहनें। लंबी दूरी तय करते समय थोड़ा आराम जरूर करें। नंगे पैर ठंडी रेत में चलने से बचें