- गायत्री प्रजापति समेत तीन नामजद

- आरटीआई एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने थाना गोमतीनगर में दर्ज कराई गई एफआईआर

- आईजी अमिताभ ठाकुर को फर्जी रेप व नूतन ठाकुर को फर्जी मारपीट के मुकदमे में फंसाने की कोशिश का आरोप

LUCKNOW: खनन मंत्री गायत्री प्रजापति, महिला आयोग की अध्यक्ष जरीना उस्मानी और मेंबर अशोक पांडेय व अन्य अज्ञात के खिलाफ आईपीएस ऑफिसर अमिताभ ठाकुर को रेप व नूतन ठाकुर को मारपीट के फर्जी मामले में फंसाने का आरोप लगाते हुए गोमतीनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। आरटीआई एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर की तहरीर पर गोमतीनगर पुलिस ने धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश समेत तमाम संगीन धाराओं में एफआईआर दर्ज कर इंक्वायरी शुरू कर दी है।

शिकायत पर मिली थी धमकी

गोमतीनगर, विरामखंड निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने बताया कि उन्होंने बीती 27 दिसंबर को प्रदेश के खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ लोकायुक्त से शिकायत की थी। जिसके एक सप्ताह बाद ही 3 जनवरी को मोबाइल नंबर 9389025750 से उनके पति आईपीएस अमिताभ ठाकुर के व उनके मोबाइल फोन पर भी किसी अज्ञात शख्स ने धमकी दी कि वह मंत्री प्रजापति के संपत्ति के मामलों से खुद को दूर रखें। कॉल करने वाले शख्स ने श्रीमती ठाकुर को यह भी समझाया कि उनके पति जो कि, आईपीएस ऑफिसर हैं, वह कई परेशानी में पड़ सकते हैं। श्रीमती ठाकुर ने इसकी शिकायत गोमतीनगर थाने में की। पर, कई दिन तक उनकी एफआईआर दर्ज नहीं हो सकी। आखिरकार मामला मीडिया में उछलने पर पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर ली लेकिन, छह महीने बीतने के बावजूद धमकी देने वाले का पता नहीं लगा सकी।

साक्ष्य देते ही लगा रेप का आरोप

श्रीमती ठाकुर ने बताया कि जब उन्होंने लोकायुक्त को शिकायत से संबंधित साक्ष्य सौंपे, ठीक उसी के बाद उन्हें पता चला कि एक महिला, जिन्हें वे लोग जानते तक नहीं, ने महिला आयोग में अमिताभ ठाकुर के खिलाफ रेप करने का आरोप लगाते हुए एप्लीकेशन दी है। जानकारी मिलते ही उन्होंने तत्कालीन डीजीपी एके जैन, डीआईजी आरके चतुर्वेदी और एसओ गोमतीनगर मो। अब्बास को एप्लीकेशन देकर समूचे प्रकरण की जांच कराने और मामले के झूठा पाए जाने पर एफआईआर दर्ज करने की गुहार लगाई थी। कुछ दिनों बाद एक और महिला ने आईपीएस ठाकुर के खिलाफ इसी तरह के आरोप लगाते हुए महिला आयोग में शिकायत की।

राज्यपाल से की थी शिकायत

श्रीमती ठाकुर द्वारा की गई शिकायतों पर जब पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो उन्होंने राज्यपाल राम नाईक से मुलाकात की और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराकर कार्रवाई के लिये आदेशित करने की गुहार लगाई। राज्यपाल नाईक ने उनकी एप्लीकेशन को कार्रवाई के लिये सीएम अखिलेश यादव को भेज दिया।

जांच में आरोप निकले फर्जी

एक कथित पीडि़ता ने आईपीएस ठाकुर के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में भी मुकदमा दायर कर 156(3) के तहत एफआईआर दर्ज कराने की गुहार लगाई। कोर्ट को दी एप्लीकेशन में कथित पीडि़ता ने बताया कि उसके मोबाइल नंबर पर 30 अप्रैल को शाम 6.23 बजे मोबाइल नंबर 9807989268 से कॉल कर धमकी दी गई। कोर्ट के निर्देश पर जब गोमतीनगर थाने में तैनात एसआई रामराज कुशवाहा ने जांच की तो पता चला कि जिस नंबर से धमकी देने का आरोप लगाया गया है, वह नंबर गोमतीनगर थाने में तैनात कॉन्सटेबल मजहर खान का है। इसके अलावा कथित पीडि़ताओं द्वारा रेप की घटना के बताए वक्त पर उनके मोबाइल की लोकेशन चारबाग व नाका एरिया में मिली। कोर्ट को भेजी आख्या में एसआई कुशवाहा ने भी माना कि कथित पीडि़ता द्वारा लगाए गए आरोप मनगढ़त और पेशबंदी में लगाए गए हैं।

चुपके से दर्ज कर ली एफआईआर

नूतन ठाकुर ने इस मामले की एफआईआर दर्ज करने के लिये बीती 10 जून को एसओ गोमतीनगर को एप्लीकेशन दी। इस एप्लीकेशन में खनन मंत्री प्रजापति के अलावा महिला आयोग की अध्यक्ष जरीना उस्मानी, मेंबर अशोक पांडेय, आरोप लगाने वाली दोनों महिलाओं व उनके पति और अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ फर्जी मुकदमे में फंसाने की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था। अगले दिन वह एसएसपी का चार्ज देख रहे डीआईजी आरके चतुर्वेदी से मिलीं। पर, कोई कार्रवाई न होती देख उन्होंने 15 जून को तत्कालीन डीजीपी एके जैन को एप्लीकेशन दी। इस पर भी कोई कार्रवाई न हुई तो श्रीमती ठाकुर 19 जून को डीजीपी ऑफिस के सामने धरने पर भी बैठीं। आखिरकार उन्होंने सीजेएम कोर्ट में धारा 156(3)के तहत एफआईआर दर्ज कराने के लिये मुकदमा दायर कर दिया। जहां पुलिस ने आख्या दी कि नूतन ठाकुर की तहरीर पर 20 जून को ही एफआईआर दर्ज कर ली गई। हालांकि, इसकी जानकारी पुलिस ने वादिनी को ही नहीं दी।

Posted By: Inextlive