आगरा। पारस हॉस्पिटल मैनेजमेंट का झूठ, अब उनके लिए मुसीबत बन गया है। जिस झूठ से कोरोना बम फूटा, अब उसी की वजह से उन पर पुलिस का शिकंजा कस गया है। शुक्रवार को पुलिस ने जानकारी छुपाए जाने और सही रिपोर्ट न देने के मामले में एफआईआर दर्ज की है। इसमें संचालक और मैनेजर के नाम पर मुकदमा दर्ज किया गया है।

हॉस्पीटल से जुडे सर्वाधिक कोरोना पॉजिटिव

पिछले दिनों शहर में कोरोना संक्रमित मरीजों के आंकड़ों में अचानक से इजाफा हुआ है। जिसमें शहर में सबसे ज्यादा हाईवे स्थित पारस हॉस्पिटल से जुड़े कोरोना संक्रमित के 23 मामले सामने आए हैं। इसको हॉटस्पॉट चिह्नित किया गया। जिला प्रशासन ने शुरू में इस मामले में काफी हद तक लापरवाही बरती। मामले को दबाने का प्रयास किया गया था।

सबसे बड़ा इपिसेंटर

इससे पहले कमला नगर बाईपास रोड स्थित नर्सिग होम के संचालक के खिलाफ भी जानकारी छुपाने पर मुकदमा दर्ज हुआ था, जबकि वहां चिकित्सक और उनके पुत्र के अलावा अन्य कोई संक्रमित नहीं हुआ। लेकिन भगवान टॉकीज स्थित अस्पताल में न केवल संक्रमित मरीज निकला, बल्कि उसने अन्य मरीजों को भी संक्रमित कर दिया। इस तरह पारस हॉस्टिपल कोरोना का सबसे बड़ा इपिसेंटर बन गया। इतना ही नहीं यहां इलाज के दौरान कोरोना संक्रमित मरीज की मौत भी हो गई। थाना प्रभारी उमेश चंद त्रिपाठी ने बताया कि पारस हॉस्पीटल संचालक और मैनेजर पर मुकदमा दर्ज किया गया है।

धारा 269 व 270 महामारी फैलाना, धारा 188 में नियमों का उल्लंघन, धारा 271 प्रशासन से जानकारी छुपाना, इन धाराओं के तहत दो साल तक सजा और जुर्माना का प्रावधान है।

एडवोकेट एसपी भारद्वाज

Posted By: Inextlive