फर्जी मार्क्सशीट पर होगी एफआईआर
प्राइवेट कंपनियों की ओर वेरिफिकेशन के लिए आ रहे डॉक्यूमेंट
10 फीसदी हर महीने मार्क्सशीट निकल रहीं हैं फर्जी 50 मार्क्सशीट फर्जी मिली हैं बीते एक साल में Meerut । बीते एक साल में 100 से अधिक मार्क्सशीट फर्जी मिलने के बाद यूनिवर्सिटी अलर्ट हो गई है। इन सभी मार्क्सशीट संबंधित आरोपियों पर यूनिवर्सिटी की ओर से एफआईआर दर्ज करने की तैयारी की जा रही है, वहीं आगे ऐसी फर्जी मार्क्सशीट आने पर हाथ के हाथ कार्रवाई करने का फैसला भी यूनिवर्सिटी के विजिलेंस विभाग ने किया है। बीते 26 अक्टूबर को दैनिक जागरण नेक्स्ट ने ही मार्क्सशीट में हो रहे फर्जीवाड़े के खेल को उजागर किया था। सौ से अधिक मामलेप्राइवेट कंपनी की ओर से अपने कर्मचारियों के शैक्षणिक प्रमाणपत्र सीसीएसयू में सत्यापन के लिए भेजे जाते हैं। यूनिवर्सिटी प्रशासन के अनुसार उनमें सें हर महीने लगभग 10 मार्क्सशीट फर्जी पाई जाती हैं। यूनिवर्सिटी में हर महीने लगभग 200 से ज्यादा मार्कशीट सत्यापन होने के लिए विजीलेंस की टीम केपास आती है, जिसमें सरकारी व प्राइवेट दोनो कर्मचारियों की मार्क्सशीट शामिल है। आंकड़ों के मुताबिक सरकारी कर्मचारियों की बजाए प्राइवेट कर्मचारियों की मार्क्सशीट ज्यादा फर्जी पाई जाती हैं। एक साल की बात करें तो यूनिवर्सिटी विजिलेंस टीम ने ऐसी 150 फर्जी मार्क्सशीट पकड़ी हैं। इन सभी पर कार्रवाई की तैयारी है।
फर्जीवाड़े का गिरोह विभिन्न यूनिवर्सिटी के नाम पर पूर्वोत्तर राज्यों में केंद्र बनाए हुए है, जहां पर पूर्वोत्तर के युवाओं को यूनिवर्सिटी से संबंधित होने के बात बताकर प्रवेश दिलाते है, तथा पूरी तरह से प्रक्रियाएं भी करवाते है, लेकिन वह सेंटर फर्जी होते है, सेंटर संचालक स्टूडेंट को मार्क्सशीट तो उपलब्ध करा देते हैं। मगर यूनिवर्सिटी में वेरिफिकेशन के दौरान मार्क्सशीट फर्जी पाई जाती है। दर्ज होगी एफआईआर यूनिवर्सिटी प्रशासन के अनुसार जो पहले पकड़ी गई मार्क्सशीट है उनपर कई चरण में एफआईआर दर्ज होगी, इनमें से पहले चरण में 30 मार्क्सशीट के खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी जो फर्रुखाबाद की है, इसके बाद अगले राज्य की मार्क्सशीट कलेक्ट करके एक साथ एफआईआर दर्ज होगी। इसके अलावा अब यूनिवर्सिटी ने फैसला लिया है जो भी मार्क्सशीट फर्जी होंगी उनके खिलाफ हाथ के हाथ एफआईआर दर्ज होगी।हर महीने 200 या उससे अधिक मार्क्सशीट सत्यापन के लिए आती है, जिसमें सरकारी कार्यालय से आने वाली मार्क्सशीट तो जांच में सही पाई जाती है, लेकिन प्राइवेट कंपनियों की दस प्रतिशत से ज्यादा मार्क्सशीट फर्जी पाई जाती है, बीते एक साल में 150 से अधिक मार्क्सशीट फर्जी मिली हैं। अब एफआईआर दर्ज करने की तैयारी की जा रही है।
प्रो। संजय भारद्वाज, विजीलेंस अधिकारी, सीसीएसयू