-पटाखों में इस्तेमाल होते हैं खरतनाक केमिकल-सांस की बीमारी से लेकर कैंसर तक को दावत देते हैं यह पटाखे-केमिकल कंपोजीशन और उससे होने वाले इफेक्ट

GORAKHPUR: दिवाली की रौनक बाजारों में बढ़ती जा रही है। मार्केट भी इसके वेलकम के लिए तैयार है। दिवाली का जश्न मनाने के लिए पटाखों का मार्केट भी गुलजार हो चला है। मगर यह पटाखे हमारे जश्न के जहां साथी हैं, वहीं बीमारियों को दावत देने का जरिया भी हैं। इसमें सबसे ज्यादा परेशानी आसमान में जाकर फूटने वाले पटाखे पैदा करते हैं। यही वजह है कि एनवायर्नमेंटलिस्ट से लेकर केमिकल एक्सप‌र्ट्स तक सभी आसमान में छोड़े जाने वाले पटाखों का कम से कम इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। अगर इनका कम से कम इस्तेमाल किया जाए, तो न सिर्फ एनवायर्नमेंट को पॉल्यूटेड होने से बचाया जा सकता है, बल्कि कई खतरनाक बीमारियों से बचा जा सकता है।

 

कैंसर तक के हैं चांसेज

दिवाली में आसमान में छोड़े जाने वाले यह पटाखे जब ब्लास्ट होते हैं और इनके पार्टिकिल्स नीचे गिरते हैं, तो काफी परेशानी पैदा करते हैं। एक तरफ जहां जलने का खतरा बना रहता है, वहीं दूसरी ओर इसके धुएं और फायर व‌र्क्स में इस्तेमाल होने वाले एलिमेंट से बॉडी को काफी नुकसान भी पहुंचता है। पटाखे ब्लास्ट होने के बाद इसमें से जो डस्ट और फ्यूम्स नीचे गिरते हैं, वह लोगों जहां एयर में मौजूद पॉल्यूटेंट की तादाद बढ़ाते हैं, वहीं दूसरी ओर इनकी वजह से स्किन डिजीज के साथ ही कैंसर तक हो सकता है। इसमें कुछ पार्टिकिल्स ऐसे भी होते हैं, जो सांस के साथ बॉडी में एंटर कर जाते हैं, जिसके बाद लोगों को सांस लेने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

 

एलिमेंट टॉक्सिक इफेक्ट

एल्यूमिनियम स्किन डिजीज, बायो एक्यूमुलेशन

एंटिमनी सल्फाइड जहरीली गैस, कैंसर की संभावना

आर्सेनिक कंपाउंड टॉक्सिक एश से लंग कैंसर, स्किन इरिटेशन

बेरियम नाइट्रेट पॉइजनस, रेस्पिरेटरी ट्रैक को इफेक्ट करता है फ्यूम

कॉपर कंपाउंड कैंसर रिस्क, बायो एक्यूमुलेशन

हेक्सा क्लोरो बेंजीन एनवायर्नमेंटल टॉक्सिन, कॉज कैंसर, प्रजनन संबंधी खतरा

लेड डाईऑक्साइड बायो एक्यूमुलेशन, डेंजर फॉर किड्स एंड अनबॉर्न बेबीज, प्लांट और एनिमल के लिए जहरीली

लीथियम कंपाउंड जलाने पर टॉक्सिक और इरिटेटिंग

मरकरी बायो एक्यूमुलेट, टॉक्सिक हेवी मेटल

नाइट्रोजन ऑक्साइड इनहेल करने में खतरनाक, फ्री रेडिकल

नाइट्रोजन डाईऑक्साइड सांस के साथ जहरीली गैस अंदर जाने के चांस

सल्फर डाई ऑक्साइड एसिड रेन, वनस्पति और संपत्ति को नुकसान

 

 

पटाखों में इस्तेमाल होने वाले केमिकल काफी खतरनाक हैं। इससे दमा और अस्थमा के लोगों को परेशानी तो होगी ही, साथ ही इससे स्किन कैंसर तक हो सकता है। जहां तक पॉसिबल हो, आसमान में फूटने वाले पटाखों का इस्तेमाल कम से कम किया जाए।

- प्रो। एसएस दास, केमिकल एक्सपर्ट

Posted By: Inextlive