- मीरगंज में कूलर, फ्रिज और वाशिंग मशीन के सेकंड मंजिल पर ने गोदाम में लगी आग

- पौन घंटा देरी से पहुंची फायर ब्रिगेड की गाड़ी हुई खराब, धक्का देकर हटाया गया

बरेली: मीरगंज में एक इलेक्ट्रिकल गोदाम में सैटरडे शाम साढ़े चार बजे इनवर्टर और बैट्री फटने से लगी आग को बुझाने में फायर डिपार्टमेंट के पसीने छूट गए. पहले तो फायर ब्रिगेड का काफिला पौन घंटे देरी से पहुंचा. फिर एक फायर टेंडर ही खराब हो गया. बजाय आग बुझाने के फायरकर्मी गाड़ी को धक्का देकर मौके तक पहुंचाने में जुट गए. और जो टेंडर मौके पर पहुंचे, वे इतनी दूर से पानी फेंक रहे थे कि उसका आग पर कोई असर नहीं हो रहा था. पास जाने की उनकी हिम्मत नही हो रही थी. ऐसे में विकराल होती आग को तीन स्थानीय युवकों ने अपनी जान जोखिम में डालकर हौज पाइप संभाला और चार घंटे बाद आग पर काबू पाया. यह सारा घटनाक्रम एसडीएम रोहित यादव के सामने हुआ. आग बुझाने के दौरान बदहवास हो गए तीनों युवकों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

थाना रोड पर मानव गुप्ता की ग्राउंड फ्लोर पर गार्मेट, ज्वैलरी और होम एप्लायंसेज की शॉप है. जबकि दूसरी मंजिल पर गोदाम. है. उन्होंने बताया कि शाम साढे़ चार बजे गोदाम में तेज धमाके के साथ आग लग गई. इस पर शॉप में मौजूद उनके बेटे ईशू ने फायर ब्रिगेड को सूचना दी. पौन घंटे बाद परसाखेड़ा, मीरगंज और सिटी से फायर ब्रिगेड की छह गाडि़या मौके पर पहुंचीं. तब तक आग भीषण रूप ले चुकी थी.

परसाखेड़ा का फायर टेंडर मौके पर पहुंचकर खराब हो गया. फायर के कर्मी आग बुझाने के बजाए गाड़ी को धक्का लगाने लगे. इस दौरान आग बुझाने में लगे दूसरे फायरकर्मी भी खराब गाड़ी हटवाने लगे. इन सब में 20 मिनट निकल गए. इससे आग और भी धधकने लगी.

जो कर्मी आग बुझाने में लगे थे वो वो 15 मीटर दूर से ही आग पर पानी डालने की कोशिश करते रहे. लेकिन पानी आग तक नहीं पहुंच पा रहा था. इसी बीच मीरगंज की गाड़ी में पानी खत्म हो गया. इस पर परसाखेड़ा से दो और बरेली मेन फायर स्टेशन से तीन बाउजर मांगवाए. गोदाम में आग बढ़ती देख एसडीएम ने आसपास के करीब आधा दर्जन मकान और दुकानों को भी खाली करा लिया.

आग बढ़ती देख मौके पर मौजूद जीशान, चांदबाबू कुरैशी और रोहन ने हिम्मत दिखाते हुए शॉप के छज्जे पर चढ़ गए और जान जोखिम में डालकर फायर ब्रिगेड का हौजरोल संभाल लिया. चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद तीनों ने आग पर काबू पाया. लेकिन धुएं से तीनों युवक बदहावास हो गए. उन्हें सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी. इस पर उन्हें अस्पताल में एडिमट कराना पड़ा.

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सिर्फ प्रशासन के टच में थे एसडीएम

आग लगने के बाद मैं लगातार जिला प्रशासन के टच में था. एडीएम को हर पल स्थिति से अवगत कराया. तीनों युवको आग बुझाने में बदहवास हो गए. उन्हें मैंने अपनी गाड़ी से सीएचसी भिजवाया.

रोहित यादव, एसडीएम मीरगंज

Posted By: Radhika Lala