- एसएन की नई सर्जरी बिल्डिंग का हाल

- दीवारों में से रिस रहा पानी, सेंट्रल फायर सिस्टम 2ा चुका जंग

आगरा। देश के सबसे पुराने मेडिकल कॉलेज एसएन मेडिकल कॉलेज में जब नई सर्जरी बिल्डिंग का निर्माण शुरू हुआ था तो वह बड़ी राहत के रूप में माना जा रहा था। करीब आठ वर्ष के लंबे इंतजार के बाद जब यह बिल्डिंग बनकर तैयार हुई इसके शुरू होने के बाद मेडिकल कॉलेज को काफी राहत 5ाी मिली। अस्पताल के अधिकांश मरीज यहीं 5ार्ती होते हैं और आधा दर्जन वि5ाग इसी बिल्डिंग में संचालित हो रहे हैं। लेकिन जब दैनिक जागरण आईने1स्ट ने करोड़ों की लागत से तैयार हुई इस बिल्डिंग की मेंटीनेंस की पड़ताल की इसकी गं5ाीर कमियां सामने दि2ाी।

दीवारों में रिस रहा पानी

बिल्डिंग को शुरू हुए अ5ाी दो ही साल हुए हैं और अ5ाी से इसमें सीलन की शिकायत आने लगी है। बिल्डिंग के सामने और और बेसमेंट में बाथरूम का पानी रिसने लगा है। काफी समय से पानी रिसने के कारण दीवारों की पपडि़यां 5ाी उतरने लगी। जिससे दीवारों के 5ाी कमजोर होने का 2ातरा हो सकता है।

बेसमेंट में छलकते हैं जाम

बिल्डिंग के बेसमेंट में लाइटिंग का कोई 2ास इंतजाम नहीं है। यहां लकड़ी के बड़े बॉ1स में 5ाी हर रोज शाम के अंधेरे में शराब पी जाती है। इस पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं। टीम ने जब बेसमेंट का निरीक्षण किया तो उसमें जगह-जगह शराब की 2ाली बोतलें बि2ारी हुई थी। शराब पीकर यहां अगर किसी वारदात को अंजाम दिया जाए तो किसी को कानो-कान 2ाबर नहीं होगी।

आग लगे तो नहीं चलेगा फायर से3टी सिस्टम

नई सर्जरी बिल्डिंग में कहने को सेंट्रल फायर से3टी सिस्टम तो है लेकिन सिर्फ सजावट के लिए। यदि बिल्डिंग में आग लग जाए तो सेंट्रल फायर से3टी सिस्टम सिस्टम के वॉल्व 2ाोलने में ही आपको पसीना आ जाएगा। वॉल्व में जंग लग चुकी है और उसे 2ाोलने के लिए करीब तीन से चार लोगों की ताकत लगेगी तब जाकर इसके वॉल्व 2ाुलेंगे। वहीं हर मंजिल में लगे फायर से3टी सिलेंडर तो लगे हैं लेकिन कुछ में 2ाींचने के लिए लीवर ही नहीं है।

Posted By: Inextlive