- शहर के अनेक स्थानों पर प्रदूषण विभाग ने की ध्वनि प्रदूषण की जांच

- दूसरे नंबर पर बेगमपुल पर हुआ सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण

Meerut। इस बार चाइना के पटाखों से परहेज करने के बावजूद दीपावली पर पटाखों का खूब शोर हुआ। देसी पटाखों ने जमकर ध्वनि प्रदूषण फैलाया। सबसे अधिक आतिशबाजी शहर के रेलवे रोड क्षेत्र में की गई। यहां सामान्य 55 डेसीबल के मुकाबले दीपावली की रात ध्वनि का शोर 85.1 डेसीबल दर्ज किया गया।

आवासीय क्षेत्रों में खूब हुई आतिशबाजी

दीपावली पर आवासीय क्षेत्रों में जमकर आतिशबाजी हुई। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दीपावली से पहले और दीपावली के दिन ध्वनि प्रदूषण की मात्रा मापी गई। क्षेत्रीय प्रदूषण विभाग ने 24 अक्टूबर को दिन और रात में ध्वनि प्रदूषण की शहर के कई स्थानों पर जांच की। उसके बाद दीपावली की रात उसने उन्हीं स्थानों पर दिन और रात में अलग-अलग मॉनीटरिंग की।

सामान्य से अधिक शोर

प्रदूषण विभाग ने शाम को 6 बजे से रात 12 बजे तक चिन्हित सभी स्थानों पर जांच के दौरान ध्वनि का स्तर सामान्य से अधिक मिला। पिछले साल के मुकाबले ध्वनि प्रदूषण की मात्रा अधिक पाई गई।

रेलवे रोड में हुआ सबसे अधिक शोर

दीपावली की रात में 10 बजे के बाद भी तेज आवाज वाले पटाखों का शोर सुनाई देता रहा। मेरठ शहर में इस बार सबसे अधिक पटाखों का शोर रेलवे रोड क्षेत्र में हुआ। यहां पर ध्वनि प्रदूषण की मात्रा 85.1 डेसीबल दर्ज किया गया। जो सामान्य से करीब 30 डेसीबल अधिक है।

सबसे कम शोर कैंट में

पटाखों का शोर सबसे कम संवेदनशील क्षेत्र कैंट अस्पताल के पास 55.9 डेसीबल दर्ज किया गया। हालांकि, यह भी संवेदनशील क्षेत्र में सामान्य से करीब 16 डेसीबल अधिक है।

शहर के 8 स्थानों पर की गई मॉनीटिरिंग

- क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दीपावली पर होने वाले ध्वनि प्रदूषण को पता करने के लिए शहर के 8 प्रमुख स्थानों पर ध्वनि का स्तर मापने के लिए इक्यूपमेंट लगाए थे। इन इक्यूपमेंट से दीपावली से पहले 24 अक्टूबर की रात ध्वनि का स्तर मापा गया और दीपावली पर 30 अक्टूबर की रात में ध्वनि की मात्रा मापी गई। दर्ज आंकड़ों के अनुसार आम दिनों की तुलना में 20 से 30 डेसीबल ज्यादा ध्वनि प्रदूषण देखने को मिला।

24 अक्टूबर को लिए गए आंकड़े

संवेदनशील क्षेत्र

कैंट एरिया- 51.3 डेसीबल

कलेक्ट्रेट- 62.2 डेसीबल

रेलवे रोड- 68.8 डेसीबल

बेगम ब्रिज - 70.4 डेसीबल

थापर नगर- 55.3 डेसीबल

शास्त्रीनगर - 56.6 डेसीबल

कैंटोमेंट बोर्ड - 52.3 डेसीबल

पल्लवपुरम - 60.2 डेसीबल

30 अक्टूबर को लिए गए आंकड़े

कैंट अस्पताल- 55.9 डेसीबल

कलेक्ट्रेट- 75.3 डेसीबल

रेलवे रोड - 85.1 डेसीबल

बेगम ब्रिज - 84.9 डेसीबल

थापर नगर- 80.1 डेसीबल

शास्त्रीनगर - 79.8 डेसीबल

कैंटोमेंट बोर्ड - 60.4 डेसीबल

पल्लवपुरम 1- 78.1 डेसीबल

इस बार सामान्य के मुकाबले बीस से तीस डेसीबल ध्वनि प्रदूषण था। लोगों को इसके प्रति जागरूक होना पड़ेगा। ध्वनि प्रदूषण से सबसे ज्यादा खतरा बच्चों को होता है। इसीलिए लोगों को कम से कम पटाखे छोड़ने चाहिए।

अतुलेश क्षेत्रीय प्रदूषण अधिकारी

Posted By: Inextlive