Lucknow: फायर इमरजेंसी नंबर पर देर रात लड़कियां कॉल करती हैं. उनके प्रस्‍ताव आप सुन लें तो दांतों तले अंगुलियां दबा लेंगे. पढि़ए एक रिपोर्ट...

केस-1
16 अप्रैल दोपहर 2.05 बजे
प्लेस-फायर कंट्रोल रूम, हजरतगंज
हेल्पलाइन नंबर 101 के फोन पर 7897521से कॉल आई। टेलीफोन ड्यूटी पर तैनात फायरमैन किशोर कुमार रावत ने कॉल रिसीव की। अपना परिचय देने के बाद उन्होंने आग लगने की जगह पूछी। दूसरी तरफ से बोल रही लड़की ने कहा कि आग तो मेरे दिल में लगी है उसे बुझा दोÓ। राकेश ने लड़की को समझाया कि यह फायर हेल्पलाइन है और इसके साथ मजाक न करें। पर, लड़की ने बातचीत जारी रखी। आखिरकार राकेश ने फोन का रिसीवर रख दिया।
केस-2
16 अप्रैल दोपहर 2.17 बजे
प्लेस- फायर कंट्रोल रूम, हजरतगंज
एक बार फिर हेल्पलाइन फोन की रिंग बजी। कॉल मोबाइल नंबर 8960684205 से की गई थी। फायरमैन राकेश ने कॉल रिसीव की। दूसरी तरफ से कोई युवक बोल रहा था। राकेश ने आग लगने की जगह पूछी पर, उस युवक ने बिना रोकटोक भद्दी-भद्दी गालियां देना शुरू कर दिया। राकेश ने उसे चेतावनी दी कि वह ऐसी हरकत न करे वरना उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी। लेकिन, युवक ने गालियां देना जारी रखा। मजबूर होकर फायरमैन ने रिसीवर रख दिया।
केस-3
16 अप्रैल दोपहर 2.23 बजे
हेल्पलाइन फोन की रिंग एक बार फिर बजी। कॉलर आईडी 9695323977 नंबर दर्शा रही थी। राकेश ने फोन उठाया लेकिन दूसरी तरफ से फिल्म डेल्ही-बेली का गाना 'भाग-भाग डीके बोस, डीके बोस' बज रहा था। काफी देर तक हैलो-हैलो चिल्लाने के बाद राकेश को समझ आ गया कि कॉल करने वाला उसके साथ मजाक कर रहा है और उन्होंने रिसीवर वापस रख दिया।
यह तीनों घटनाएं तो केवल एग्जाम्पल हैं। दरअसल, आग से बचाव के लिये फायर डिपार्टमेंट की हेल्पलाइन 101 पर रोजाना ऐसी करीब 200 कॉल्स आती हैं, जिनमें दर्जनों कॉलर गाली-गलौज से लेकर गाना सुनाने और यहां तक कि अश्लील बातें करने से नहीं चूकते। परेशान करने वाली इन कॉल्स का टाइमिंग भी अजीब है। यह सुबह आठ बजे से ही शुरू हो जाती हैं और ऐसी कॉल्स का आना रात दो बजे तक जारी रहता है। आलम यह है कि जिस फायरमैन को टेलीफोन ड्यूटी पर तैनात किया जाता है, कुछ देर की ही ड्यूटी के बाद ही उसका दिमाग आउट हो जाता है।

नहीं होती कार्रवाई

पूर्व सीएफओ राजेन्द्र तिवारी के समय में ऐसी कॉल करने वाले कॉलर्स के खिलाफ कार्रवाई की योजना बनी थी। इसके तहत बाकायदा हेल्पलाइन में एक रजिस्टर रखा गया और उस पर ऐसी कॉल करने वाले का नंबर लिखने की हिदायत दी गई। योजना थी कि इन नंबरों को क्राइम ब्रांच को देकर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई कराई जायेगी। टेलीफोन ड्यूटी पर तैनात ऑपरेटर्स ने इस रजिस्टर पर नंबर भी लिखे। पर, इसी के कुछ समय बाद उनका ट्रांसफर हो गया और यह योजना भी ठंडे बस्ते में चली गई.

सजा न बन जाये यह खिलवाड़

इस वक्त फायर कंट्रोल रूम में हेल्पलाइन नंबर 101 की दो लाइन काम कर रही है। मतलब एक बार में शहर भर में एक साथ दो लोग आग की सूचना दे सकते हैं। शहर में कहीं से भी कोई शख्स अगर फोन मिलाता है, तो कॉल इसी कंट्रोल रूम पर आती है। पूरी डिटेल नोट करने के बाद ऑपरेटर संबंधित फायर स्टेशन को अलर्ट करता है और फायर टेंडर भेजने के निर्देश देता है। पर लगातार इस हेल्पलाइन के साथ हो रहे मजाक ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि इतनी आवश्यक और लाइफ सेविंग सर्विस के साथ इस तरह का खिलवाड़ कहीं भारी न पड़ जाये। हेल्पलाइन पर मजाक करने वालों को भी सोचना होगा कि मजाक के लिये की गई उनकी कॉल के दौरान अगर सही में कहीं आग लग गई तो इसकी सूचना फायर कंट्रोल रूम को नहीं मिल सकेगी। उनके इस मजाक से कई लोगों की जान पर बन सकती है।

क्या कहते हैं अधिकारी

एसएसपी जे रविन्दर गौड कहते हैं कि फायर हेल्पलाइन जैसी इमरजेंसी सर्विस के साथ खिलवाड़ गलत है। ऐसे कॉलर्स को आइडेंटिफाई करने के ऑर्डर दिये गये हैं। पहचान होने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी। हजरतगंज के एफएसओ चन्द्रशेखर यादव कहते हैं कि लोगों को समझना चाहिये कि यह सर्विस उन्हीं की भलाई के लिये है और इसके साथ मजाक ठीक नहीं है। फिर भी अगर ऐसी कॉल्स आगे जारी रहीं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी.

 

Posted By: Inextlive