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PATNA (4 April) : यूथ्स और उसमें भी जो फ‌र्स्ट टाइम वोटर्स हैं, उनकी इस इलेक्शन से कई उम्मीदें हैं। यह उम्मीद किसी भी चुनावी चाल की दिशा-दशा को बदल सकती है। यूथ के नाम पर 'फैमिली-ओरिएंटेड एक्टिविटीज' हो रही है। विमेन रिजर्वेशन के नाम पर मजाक किया जा रहा है। विमेन सेफ्टी महज एक बहस भर है। इम्प्लाइबिलिटी के नाम पर केवल फंड ही खर्च हो रहा है। इसके साथ ही नेशनल पार्टीज से लेकर रीजनल पार्टियां बेसिक मुद्दों से भटकती नजर आ रही हैं। ऐसे में यूथ्स अपने वोट से ऐसी सभी बातों पर एक सिरे से वार कर 'पॉलिटिकल वार' को 'पॉलिटिक्स चेंजर' का रुख देने के लिए बेताब हैं। इन बातों को जानने और परखने के लिए आई नेक्स्ट ने निफ्ट के यूथ्स और फ‌र्स्ट टाइम वोटर्स से बात की।

चाहिए ग्रास रूट पर वर्क करने वाला

आज की पॉलिटिक्स में ग्रास रूट पर वर्क करने वाले लोगों को चुनना चाहिए, क्योंकि एक अच्छे चेंज के लिए उनपर भरोसा किया जा सकता है। आज डेवलपमेंट तो हो रहा है, लेकिन उसमें बराबरी की बात नहीं दिखाती। पॉलिटिक्स जब सिर्फ फैमिली बिजनेस बनकर रह जाए तो इसके बारे में वोटर को जरूर सोचना चाहिए। यूथ के नाम पर भी यही सब हो रहा है। दरअसल वोटर को ग्रासरूट पर वर्क करने वाला रिप्रजेंटेटिव चाहिए।

- आराधना श्रीवास्तव

एजुकेशन से होगा डेवलपमेंट

मैं फ‌र्स्ट टाइम वोटर हूं, और मेरी समझ से एजुकेशन से बड़ी जरूरत और कुछ नहीं है। डेवलपमेंट एक जेनरलाइज्ड बात है। लेकिन इसकी शुरुआत तो एजुकेशन से ही होती है। एजुकेशन में बड़े चेंजेज की जरूरत है। आज के दौर में यूथ की बात अगर की जाए तो स्थिति अच्छी नहीं कही जा सकती है। प्राइमरी से लेकर हॉयर एजुकेशन में स्टेंड्राइजेशन और उसकी यूनिवर्सिलाइजेशन पर गवर्नमेंट को अधिक पैसा खर्च करने की जरूरत है।

- मुकेश कुमार

विमेन इशू पर काम जरूरी

एक बार फिर से वीमेन इशू मार्जिनल प्वाइंट पर है। सबसे पहले तो उन्हें पॉलिटिक्स में बराबरी का दर्जा ही नहीं है। नेशनल पार्टी बीजेपी ने बिहार में मात्र दो सीट और रीजनल पार्टी आरजेडी ने मात्र क्फ् परसेंट सीट वीमेन के नाम पर दी हैं। यही हाल अन्य पार्टियों का है। जब उनकी भागीदारी में ही नजरिया ऐसा है तो फिर उनके मुद्दों का क्या होगा। वीमेन सेफ्टी, वीमेन रिजर्वेशन जैसी कई बातें सिर्फ डिस्कशन भर रह जाती हैं। इसे तोड़ना होगा।

- रेणु चंदन

सबसे पहले युथ की बात

जब आज सबसे अधिक पोपुलेशन यूथ की है तो फिर उनका फ्यूचर और देश का फ्यूचर एक ही है। इसमें जब कोई संदेह नहीं है तो फिर आज की कंडीशन में उनके कन्सर्न पेंडिंग और लगातार पाइल-अप हो रहें है। जॉब और बिजनेस सेक्टर में एक माहौल फिर से बनाने की जरूरत है। ताकि हॉयर एजुकेशन से जुड़े लोगों को यहां अधिक से अधिक जॉब मिल सके। सबसे जरूरी आज की पढ़ाई को स्किल और जॉब-ओरिएंटेड बनाने की जरूरत है।

वैभव शेखर

Posted By: Inextlive