ट्रांसपोर्ट नगर से शिफ्टिंग की शर्त पर ही बसेगा न्यू ट्रांसपोर्ट नगर

कारोबारियों के साथ बात करेगा जिला प्रशासन और एमडीए

Meerut। न्यू ट्रांसपोर्ट नगर का विकास उसी शर्त पर होगा जब ट्रांसपोर्ट कारोबारी वहां शिफ्टिंग के लिए हामी भरेंगे। जिला प्रशासन और एमडीए प्रोजेक्ट की लांचिंग से पूर्व न सिर्फ ट्रांसपोर्ट कारोबारियों से इस संबंध में बात करेगा बल्कि ट्रांसपोर्ट कारोबारियों से एग्रीमेंट भी साइन कराए जाएंगे। प्रोजेक्ट की लांचिंग के बाद आमतौर पर क्लस्टर विशेष के कारोबारी वहां शिफ्ट नहीं होते हैं, ऐसे में न सिर्फ शहर से इंडस्ट्री को बाहर करने की कवायद खटाई में पड़ती है बल्कि प्राधिकरण का पैसा भी फंसता है।

योजना खटाई में

गौरतलब है कि मेरठ विकास प्राधिकरण ने 2013 में बागपत रोड पर न्यू ट्रांसपोर्ट नगर स्कीम को लांच किया था। पांचली खुर्द में प्राधिकरण ने 38.9260 हेक्टेयर भूमि को अधिग्रहण के लिए चिह्नित किया था। भू-अधिग्रहण नीति के तहत एमडीए भूमि अध्याप्ति जमीन का अधिग्रहण करने भी जा रहा था। इसके लिए प्राधिकरण ने एडीएम कार्यालय में 15 करोड़ रुपए भी जमा करा दिए थे। किंतु इसी बीच ट्रांसपोर्ट कारोबारियों के नाकारात्मक रुख से योजना खटाई में पड़ गई थी। 6 साल बाद एक बार फिर पांचली खुर्द में न्यू ट्रांसपोर्ट नगर को बसाने की कवायद तेज हुई है। हालांकि शर्ते अभी भी पुरानी ही हैं। दिल्ली रोड से पूरी तरह ट्रांसपोर्ट कारोबार शिफ्ट होने की स्थिति में ही न्यू ट्रांसपोर्ट नगर के लिए किसानों से जमीन का अधिग्रहण शुरू होगा।

करना होगा एग्रीमेंट

आमतौर पर देखा गया है कि पुराने उद्योगों को शहर से बाहर निकालने की कवायद पूरी तरह से सफल नहीं होती है। सूरजकुंड से स्पो‌र्ट्स इंडस्ट्री को बाहर निकालने के लिए स्पो‌र्ट्स कॉम्प्लेक्स, मेजर ध्यानचंद्र नगर, मोहकमपुर को एमडीए ने विकसित किया। मगर अभी तक स्पो‌र्ट्स इंडस्ट्री को पूरी तरह से शिफ्ट नहीं किया जा सका है। लोहियानगर में कैंची क्लस्टर तो बन गया किंतु यहां शहर का प्रसिद्ध कैंची कारोबार शिफ्ट नहीं हुआ। इसी तरह बुनकर (पावरलूम) कारोबारियों ने रियायती दरों पर लोहियानगर में प्लॉट तो ले लिए किंतु प्रोडक्शन आज भी लिसाड़ी गेट की तंग गलियों में हो रहा है। ऐसे में एक ओर न सिर्फ शहर से उद्योग को बाहर निकालने की मंशा पर पानी फिरता है बल्कि प्राधिकरण की रकम भी फंसती है। क्लस्टर कारोबारी रियायती दरों पर प्लॉट भी खरीद लेते हैं और पुराने ठिकानों पर भी जमे रहते हैं। इसलिए इस बार कारोबारियों से पहले ही एग्रीमेंट किया जाएगा।

इनसेट

बिल्डर्स ने खरीद ली जमीन

योजना सही है टीपीनगर शिफ्ट होना चाहिए लेकिन जिस जगह पर शिफ्ट हो वहां सुविधाएं क्या क्या हैं यह भी जरुरी है। पांचली खुर्द में अभी तक पक्की सड़क तक की व्यवस्था नही है

सरदार खेता सिंह, संरक्षक

2013 में न्यू ट्रांसपोर्ट नगर की लांचिंग के साथ ही मेरठ के कुछ बिल्डर्स ने बड़े मुनाफे के चलते पांचली खुर्द में बड़े पैमाने पर जमीन की खरीद-फरोख्त कर ली। आधा दर्जन ऐसे बड़े बिल्डर हैं, जिन्होंने यहां पर बड़ा इनवेस्टमेंट किया था। ऐसे में एक बार फिर न्यू ट्रांसपोर्ट नगर की फाइल खुलने से बिल्डर्स ने राहत की सांस ली है। कुछ बिल्डर्स ने एमडीए अधिकारियों से मिलकर उन्हें योजना में भागेदारी का प्रस्ताव भी दे दिया। हालांकि वहीं प्राधिकरण अधिकारियों का कहना है कि वे पांचली खुर्द में मूल मालिक से ही जमीन की खरीद करेंगे। करीब 97 खसरों की जमीन अधिग्रहण के लिए चिह्नित की गई है, जिस पर 100 किसान काबिज हैं। बिल्डर्स के नाम बड़ी संपत्ति की पावर ऑफ अटॉर्नी की गई है।

ट्रांसपोर्ट कारोबारियों के साथ बातचीत के बाद ही न्यू ट्रांसपोर्ट योजना पर काम शुरू किया जाएगा। दिल्ली रोड स्थित ट्रांसपोर्ट नगर की शिफ्टिंग के साथ ही पांचली खुर्द में न्यू ट्रांसपोर्ट नगर को स्थापित किया जाएगा।

राजेश कुमार पांडेय, एमडीए, उपाध्यक्ष, मेरठ

ट्रांसपोर्टर ने जताई नाराजगी

एमडीए ने टीपीनगर को भले ही पांचली खुर्द में शिफ्ट करने की योजना बनाई है, लेकिन इस बाबत ट्रांसपोर्टर ने नाराजगी जतानी शुरू कर दी है। मंगलवार को ट्रांसपोर्टर्स ने बैठक कर एमडीए के खिलाफ नाराजगी जताई। इस मौके पर अध्यक्ष गौरव शर्मा समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे उन्होंने बताया कि ट्रांसपोर्ट नगर को शिफ्ट करने के लिए एमडीए काम कर रहा है और जगह भी फाइनल की जा चुकी है लेकिन अभी तक ट्रांसपोर्‌र्ट्स को इस विषय में ना तो कोई जानकारी दी गई और ना ही कोई बैठक एमडीए ने ट्रांसपोर्टर्स के साथ की है। ट्रांसपोर्टर्स अपनी शर्तो पर ही नई जगह पर शिफ्ट होंगे। बैठक में महामंत्री दीपक गांधी, राजू रहल, रविकांत राठी, सरदार खेता सिंह, पंकज अनेजा आदि मौजूद रहे।

हमने ही साल 2014 में टीपी नगर शिफ्ट करने की मांग उठाई थी, लेकिन जब तक नई जगह पर सुविधाएं नही मिलेंगी हम लोग शिफ्ट नही होंगे। ट्रांसपोर्टर्स को कम ब्याज या ब्याज रहित जमीन उपलब्ध होनी चाहिए तभी ट्रांसपोर्ट वहां शिफ्ट हो सकेगा।

गौरव शर्मा, अध्यक्ष

अभी तक एमडीए ने हमारे साथ एक बार भी मीटिंग नही की है इस संबंध में। कम से कम ट्रांसपोर्टर्स को योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देने के बाद ही कुछ फाइनल किया जाना चाहिए।

दीपक गांधी, महामंत्री

Posted By: Inextlive