क्‍या आप को पता है कि पूरे एशिया में एक भारतीय महाराजा ने पहला प्‍लेन खरीदा था। इतना ही नहीं उन्‍होंने एक साथ तीन प्‍लेन खरीदे थे। वैसे हम आप को आर एयरइंडिया के बारे में कुछ बातें बताने जा रहे हैं। जिनसे अभी तक आप अंजान थे।


1910 में पटियाला के महाराजा ने खरीदे 3 प्लेनभारत ही नहीं एशिया में पहला प्लेन खरीदने वाले पटियाला के महाराजा भूपेन्द्र सिंह को एयरोप्लेन में काफी रुचि थी। 1910 में उन्होंने अपने एक चीफ इंजीनियर को यूरोप भेजा था। जिसका काम प्लेन के बारे में स्टडी करना था। उन्होंने पहली बार में 3 प्लेन खरीदे थे। 1911 में 18 फरवरी को पहली घरेलू उड़ान भरी गई। पायलट का नाम था हैनरी पिक्वेट। उन्होंने हंबर बाईप्लेन जो एक मालवाहक जहाज था उसे इलाहाबद से नैनी जंक्शन के बीच उड़ाया था। इनके बीच की दूर करीब छह मील की थी। पहली फ्लाइट में लगे थे 24 घंट


1927 में विश्व की पहली ऑफीशियल एयरलाइन्स ब्रिटेन की इंपीरियल एयरवेज थी जो इंपायर रूट से भारत आती थी। यह पहली बार था जब भारत को एयरनेटवर्क से जोड़ा गया था। दि हैवीलैंड हरक्यूलेस केरियो, बसरा, करांची, जोधपुर से दिल्ली रूट पर उड़ा था। यह पहली पैसेंजर फ्लाइट थी जो भारत से संचालित हुई थी। पहली बार यात्री करांची से जोधपुर और वहां से दिल्ली इंपीरियल एयरवेज में आये थे। एयर इंडिया की पहली उड़ान बंबई से लंदन की थी इसमें 24 घंटे लगे थे। आगा खां ने शुरु किया था रॉयल एयरो क्लब

1929 आथे आगा खां ने रॉयल एयरो क्लब का ऑफर जीबीपी 500 में दिया। यह एक सोलो फ्लाइट थी जो छह हफ्तों के लिये अपनी स्टार्टिंग डेट से पूरी होनी थी। इसके प्राइज एक साल के लिये तय किये गये थे जो जनवरी 1930 से शुरु हुये थे। इसमें जेआरडी टाटा, मनमोहन सिंह और एक सिविल इंजीनियर था। जो ब्रिसटोल से था। उसने इंग्लैंड से जहाज उड़ाना सीखा था। मनमोहन सिंह ने क्रॉयडॉन एयरपोर्ट जो सउथ लंदन में है उड़ान भरी थी। एसपी इंजीनियर ने भी वहीं रूट फॉलो किया था। वहीं जेआरडी टाटा ने गिप्सी मोथ के साथ रिजर्व डायॅरेक्शन पर उड़ान भरी थी।

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Posted By: Prabha Punj Mishra