उत्तर प्रदेश में जबरन धर्म परिवर्तन को लेकर कानून बनाया गया है। इस कानून के उल्लंघन का पहला मामला भी सामने आ गया। बरेली में एक महिला पर धर्म परिवर्तन का दबाव डाला गया है। फिलहाल केस दर्ज कर लिया गया।


बरेली (एएनआई)। बरेली के देवरनिया पुलिस स्टेशन में यूपी गैरकानूनी धर्मांतरण निषेध अध्यादेश 2020 के तहत पहला मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि एक महिला पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डाला गया है। फिलहाल आरोपी फरार है। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शनिवार को यूपी निषेध धर्म परिवर्तन अध्यादेश 2020 पर मुहर लगा दी थी। 24 नवंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल द्वारा अध्यादेश को मंजूरी देने के बाद, "लव जिहाद" से संबंधित अपराध के लिए अधिकतम 10 साल की सजा का प्रस्ताव किया गया था।

25 हजार रुपये जुर्माना भी
मंगलवार को उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने गैरकानूनी धार्मिक धर्मांतरण के खिलाफ अध्यादेश लाने के राज्य मंत्रिमंडल के फैसले की जानकारी दी थी। सिद्धार्थ नाथ सिंह ने एएनआई को बताया, "100 से अधिक घटनाएं रिपोर्ट की गई थीं जिनमें जबरदस्ती धार्मिक रूपांतरण किया जा रहा था।' नया कानून शादी के लिए जबरदस्ती धर्मांतरण के लिए दोषी पाए जाने पर 15,000 रुपये के जुर्माने के साथ एक से पांच साल के बीच की जेल की सजा का प्रावधान करता है। वहीं एससी / एसटी समुदाय के नाबालिगों और महिलाओं के धर्मांतरण के लिए 25,000 रुपये के जुर्माने के साथ 3-10 साल की जेल होगी।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari