पहली भारतीय टेस्ट ट्यूब बेबी अब खुद बनी मां
उन्तीस साल की हुई हर्षा हर्षा चावड़ा शाह अब 29 साल की हो चुकी हैं। 1986 में उन्होनें मुंबई में पहली टेस्ट ट्यूब बेबी के रूप में जन्म लेकर सुर्खियां बटोरी थीं। अब हर्षा एक बार फिर चर्चा में है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से ठीक एक दिन पहले शिवरात्रि के पर्व पर उन्होंने जसलोक अस्पताल में स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है। खास बात ये है कि 1986 में जिस डॉक्टर इंदिरा हिन्दूजा ने हर्षा की मां को प्रसव में सहयोग दिया था, उनकी ही देखरेख में हर्षा ने भी अपनी संतान को जन्म दिया है। स्वस्थ हैं मां बेटा
डॉक्टर हिन्दूजा ने बताया कि हर्षा का बच्चा पूरी तरह सामान्य और स्वस्थ है। खुद हर्षा भी तेजी से रिकवर कर रही है और दोनों को अगले चार से पांच दिन में अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी। आईवीएफ तकनीक के जरिये अगस्त 1986 में हर्षा के जन्म के समय डॉक्टर हिन्दूजा ने ही टीम का नेतृत्व किया था। आईएफ की सफलता से खुश हैं चिकित्सक
हर्षा के जन्म के लिए केईएम अस्पताल की डॉक्टर कुसुम झावेरी ने भी डॉक्टर हिंदूजा के साथ सहयोग किया था और इस बार भी हर्षा के बच्चे के जन्म में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभई हैं। मुंबई के माटुंगा की हर्षा का जन्म एक बड़ी खबर बना था। डॉक्टर हिंदूजा ने बताया कि टेस्ट ट्यूब बेबी हर्षा ने प्राकृतिक तरीके से गर्भधारण किया था। जिसकी वजह से यह तथ्य साबित हो चुका है कि टेस्ट ट्यूब से जन्म लेने वाले बच्चे भी सामान्य जीवन का आनंद ले सकते हैं। इस बात पर उन्होंने और डाक्टर कुसुम ने इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर की है। हर्षा ने 3.18 किलोग्राम के स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है जो बहुत अच्छा संकेत है।
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