जब हमारे बड़े हमें सादा और शुद्ध खाना खाने की एडवाइस देते हैं तो हमें उनकी बातें शायद ओल्ड-फैशंड लगती हैं। पुरानी पीढ़ी को बर्गर्स और पिज्जा भले ही न पसंद आएं पर आज की जेनरेशन इसे शायद ही स्किप करे। इसमें कोई बुराई नहीं है हमें वक्त के साथ बदलाव करने पड़ते हैं लेकिन हमारी हेल्थ का क्या? भला हम अपनी हेल्थ के साथ रिस्क कैसे ले सकते हैं।


कानपुर। परफेक्ट हेल्थ के लिए एग्जाम्पल सेट करने वाली बॉलीवुड एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी ने कृतिका अग्रवाल के साथ बातचीत में बताया कि कैसा होना चाहिए एक हेल्दी लाइफस्टाइल...

नॉलेज ने बढ़ाई अवेयरनेस


जेनरेशन कोई भी हो, बॉडी तो सभी की एक जैसी ही होती है और उसकी फंक्शनिंग भी। हां, आज हमारा लाइफस्टाइल बिजी है और हम खुद पर बहुत ध्यान नहीं दे पाते। लेकिन खुद की थोड़ी सी केयर भी हमें हमेशा हेल्दी रख सकती है। मैं अगर अपनी बात करूं तो अपनी लाइफ में मैंने हमेशा ही हेल्थ को इंपॉर्टेंस दी है। इनफैक्ट, मैं फिगर कॉन्शियस होने से ज्यादा हेल्थ कॉन्शियस रही हूं। ये कोई दो-चार सालों से नहीं बल्कि तब से है जब से हेल्थ को लेकर मेरी समझ बढ़ी है। इनफैक्ट, मैं तो कहूंगी कि मेरी लाइफ में सबसे बड़ा बदलाव तब आया जब मेरे बेटे का जन्म हुआ. ऐसा इसलिए क्योंकि जब एक बच्चे का जन्म होता है तो हम ये रियलाइज करते हैं कि बतौर ह्यूमन बीइंग हम उस बच्चे की हेल्थ के लिए रिस्पॉन्सिबल हैं। मेरे प्रेग्नेंसी पीरियड के दौरान मैंने न्यूट्रीशन और हेल्थ से कई बुक्स को पढना शुरू किया क्योंकि मैं अपने बच्चे को बेस्ट केयर देना चाहती थी। वो फेज मेरी लाइफ में रेवोल्यूशनरी था। मुझे क्या खाना चाहिए, कब खाना चाहिए, कहां से क्या मंगवाऊं, ऑर्गेनिक और पेस्टीसाइड भरे खाने के बीच क्या डिफरेंस है, मैनें इन सभी के बारे में इसी दौरान डीटेल्स में पढ़ा।

हेल्थ के मामले में बच्चों को करें एजुकेटपर्सनली, मैं खुद भी अपने बेटे को एजुकेट करती हूं। हमारी यही कोशिश रहती है कि हम उसकी डेली लाइफ में बहुत ज्यादा शुगर इंक्लूड न करें। लेकिन हफ्ते के एक दिन उसके पास कुछ भी खाने का फ्रीडम होता है। बच्चों पर कहां इतनी स्ट्रिक्टनेस चल पाती है इसलिए हम तो आइसक्रीम भी घर पर बनाने की कोशिश करते हैं ताकि उसे मनपसंद खाना भी मिले और वो हेल्दी भी हो। मैं अपने घर पर भी ज्यादातर नॉन-रिफाइंड और कोकोनट शुगर यूज करती हूं क्योंकि वो नॉर्मल शुगर की तरह नुकसानदायक नहीं ती। छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर हम अपनी आने वाली जेनरेशन में हेल्दी लाइफस्टाइल की हैबिट डेवलप करने में हेल्प कर सकते हैं।

हेल्दी लाइफस्टाइल है हमारी जिम्मेदारी


फिर मैंने रियलाइज किया कि ये मेरी कार्मिक ड्यूटी है कि जो कुछ भी नॉलेज मैंने गेन की है, उसे लोगों तक मैं पहुंचा सकूं। तभी तो मैंने सोशल मीडिया के जरिए इन इनफॉर्मेशंस को लोगों तक पहुंचाना शुरू किया, लेकिन इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि अच्छी हेल्थ आज दुनिया में एक बहुत बड़ा कंसर्न है। डिफरेंट लेवल्स पर और डिफरेंट टूल्स के यूज से लोगों में हेल्थ को लेकर अवेयरनेस फैलाई जा रही है, लेकिन इसका बहुत ज्यादा असर नहीं दिखता। आज की जेनरेशन जंक फूड को लेकर ऑबसेस्ड है। बिजी लाइफस्टाइल होने के चलते वो बिना सोचे समझे कुछ भी खा लेते हैं। उन्हें ये अंदाजा नहीं रहता कि लॉन्ग रन में ये उनकी सेहत के लिए कितना घातक हो सकता है, लेकिन ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम खुद हेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो करें और अपने बच्चों के लिए भी ऐसा ही एग्जाम्पल सेट करें।

अपनी हेल्थ को दें प्रायोरिटी


ज्यादातर लोगों को लगता है कि मैं क्या करूं, कैसे करूं। तो उनको मैं सजेस्ट करूंगी कि लाइफ में अगर कुछ अच्छे और बड़े बदलाव लाने हों तो कभी भी देर नहीं होती। कुछ भी अचीव करना मुश्किल नहीं होता, जरूरत होती है तो सिर्फ सेल्फ-डिटर्मिनेशन की। हम ये भूल नहीं सकते कि हम ऐसे दौर में रह रहे हैं जहां कुछ भी प्योर नहीं है। नेचुरल फूड प्रोडक्ट्स में पेस्टिसाइड्स की भरमार है। तो ऐसे में जरूरी है कि हम खुद भी नॉलेज गेन करने का एफर्ट करें कि हमें क्या खाना है या क्या नहीं। ये एनालाइज करें कि हमारी बॉडी को क्या सूट करता है। इसके लिए डॉक्टर्स या न्यूट्रीशनिस्ट्स की हेल्प लेने से हिचकना भी नहीं चाहिए. तो अब से अपनी लाइफ और हेल्थ को प्रायोरिटी देना शुरू करें।

Posted By: Chandramohan Mishra