नवजात बच्चों के लिए मां का दूध जरूरी होता है। मां के दूध में हर तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो बच्चों के बढ़ने में सहायक होते हैं।


जीवों की दुनिया में केवल स्तनधारी जीव ही अपने बच्चों को दूध पिलाते हैं, जिनमें मनुष्य भी शामिल हैं। इसे 'असली' दूध कहा जाता है।लेकिन स्तनधारी जीव के अलावा कुछ दूसरे जीव भी अपने बच्चों के लिए दूध की तरह का तरल पदार्थ स्रावित करते हैं, जो दूध जैसा होता है।हालांकि ये दूध दिखने में गाय के दूध या मानव दूध जैसा नहीं होता और न ही वो उस तरह से पैदा होता है।बावजूद इसके यह काम दूध की तरह ही करता है, यानी बच्चों के पोषण का काम करता है।चलिए बताते हैं अपने बच्चों को 'दूध' पिलाने वाले इन जीवों के बारे में।कबूतरकुछ कॉकरोच भी अपने नवजात शिशुओं को 'दूध' पिलाते हैं। पैसिफ़िक बीटल कॉकरोच ऐसे ही कॉकरोच हैं।
इसमें मादा बीटल कॉकरोच के अंडे के निषेचित होने से पहले ही इसमें से एक तरह का तरल पदार्थ निकलने लगता है।बीटल कॉकरोच अपने अंडे को भी शरीर में बनी थैली में ही रखती है, यानी बच्चे को पहले से ही पोषण मिलने लगता है।लिहाज़ा बीटल कॉकरोच जब अंडे से निकलता है तो वह काफी विकसित और पोषित हो चुका होता है।स्यूडोस्कॉरपियंस


पैसिफ़िक बीटल कॉकरोच की तरह ही मादा स्यूडोस्कॉरपियंस से भी 'दूध' जैसा पदार्थ निकलता है।मादा स्यूडोस्कॉरपियंस अपने पेट से सटी थैली में अंडे को रखती है। जब उससे नवजात शिशु निकल आता है तो वहीं उसे अपनी मां का 'दूध' मिलता है।कैसिलियन मूल रूप से मेढ़क और सैलामैंडर जैसे होते हैं, लेकिन उनके पांव नहीं होते हैं और वे केंचुए की तरह दिखते हैं।ज़्यादातर कैसिलियन अपने अंडे की देखभाल करते हैं और बच्चे के निकलते ही उसे छोड़ देते हैं।दक्षिण पूर्व कीनिया में पाए जाने वाली मादा कैसिलियन बच्चे के पोषण के लिए अपने केंचुल निकाल देती है. ये केंचुल प्रोटीन और वसा का स्रोत होता है.यह इतना पोषक होता है कि उसे खाते ही बच्चे की लंबाई एक सप्ताह में 11 फ़ीसदी बढ़ जाती है।

Posted By: Satyendra Kumar Singh