आजकल तीन तलाक के मुद्दे पर बहस काफी तेजी से हो रही है। चाय की दुकान से लेकर सोशल मीडिया पर लोग इस मुद्दे पर अपने बयान देते मिल जाएंगे। कुछ लोग इसके फेवर में तो कुछ इसके अगेंस्‍ट हैं। ऐसे में अब सवाल ये है कि क्‍या तीन तलाक ही एक ऐसी प्रथा है जो सशक्‍त समाज के लिए ठीक नहीं है। शायद लोगों को नहीं पता है कि तलाक जैसी कुल 5 प्रथाएं देश में प्रचलित हैं। जिन्‍हें सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे...


तीन तलाक प्रथा: तलाक तलाक तलाक यानी कि मौखिक तीन तलाक की प्रथा मुस्िलम समुदाय में प्रचलित है। इसमें कागज या लिखा पढ़ी की जरूरत नहीं होती है। यहां पर अगर पति-पत्नी एक दूसरे से यह बात मजाक में भी बोल दें तो रिश्ता खत्म हो जाता है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस कानून को खत्म नहीं करना चाहता है। हालांकि इस रिवाज को लेकर पूरे देश में चर्चा गर्म हैं। इससे महिलाओं में असुरक्षा बढ़ रही है। उनका कहना है कि इससे तो वैवाहिक जीवन जब मन हो तब खत्म कर किया जा सकता है। मैत्री करार प्रथा:
लिव इन रिलेशनशिप यानी कि मैत्री करार प्रथा गुजरात जैसे कई राज्यों में आज भी प्रचलित है। इस रिवाज में महिला और पुरुष दोनों एक मजिस्ट्रेट के सामने करार करते हैं उसके बाद वे एक साथ रहते हैं। सबसे खास बात तो यह है कि इस रिवाज में शादीशुदा आदमी किसी भी महिला के साथ रह सकता है। इसमें महिला का शादीशुदा नहीं लेकिन वयस्क होना जरूरी है। पॉलियेंडरी, बहुपति प्रथा:


सिर्फ बहु-पत्नी प्रथा ही नहीं आज भी समाज के कुछ हिस्सों में बहु-पति की प्रथा है। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर और तिब्बत के कुछ इलाकों में यह पुरानी प्रथा देखने को मिलती है। यहां पर आज भी एक लड़की की शादी कई लड़कों के साथ कराई जाती है। इसके महाभारत की द्रोपदी के रिवाज से भी जोड़ा जाता है। हालांकि इस प्रथा को कम करने के लिए कई बड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इसमें काफी हद तक कमी पाई गई है। आज लड़िकयां भी इसके खिलाफ आवाज उठा रही हैं।

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Posted By: Shweta Mishra