- सरकार ने तैयार की नियमावली, कैबिनेट भेजे जाने की तैयारी

- अभ्यर्थियों के चयन के लिए राज्य और जिला स्तर पर बनेगी कमेटी

रांची : फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर करोड़ों रुपये की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति घोटाला पकड़ में आने के बाद सरकार सतर्क हो गई है। अब छात्रवृत्ति के लिए आए आवेदनों की जांच पांच स्तरों पर होगी। विभिन्न राज्यों में प्रभावी छात्रवृत्ति के नियमों का अध्ययन करने के बाद सरकार ने इस बाबत नियमावली तैयार कर ली है, जिसे कैबिनेट में भेजे जाने की तैयारी है। छात्रवृत्ति के गड़बड़झाले पर पैनी नजर रखने के लिए नियमावली में राज्य स्तर पर आदिवासी कल्याण आयुक्त और जिला स्तर पर उपायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी गठित होगी।

देना होगा एफिडेविट

नियमावली के मुताबिक पहला चेक प्वाइंट स्वयं छात्र और उनके अभिभावक होंगे, जो आवेदक के प्रमाणपत्र के सही होने का शपथपत्र देंगे। इसके बाद छात्रों का किसी शैक्षणिक संस्थान में किसी खास सत्र में अध्ययनरत रहने का प्रमाणपत्र देना होगा। संलग्न प्रमाण पत्रों के सत्यापन की जवाबदेही जिलास्तरीय कमेटी की होगी। इसके बाद राज्य स्तरीय समिति इसका मूल्यांकन करेगी। छात्रवृत्ति के मामलों को देखने के लिए राज्य स्तर पर एक अलग से कोषांग होगा, जो संबंधित संस्थानों की मान्यता की पड़ताल करेगा। इन प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद ही अब किसी छात्र को छात्रवृत्ति मिल सकेगी।

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Posted By: Inextlive