मंगलवार रात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए एक बड़ा ऐलान कर दिया। आधी रात से ही उन्‍होंने 500 और 1000 के नोटों को गैर कानूनी घोषित कर दिया। सिर्फ एक घोषणा के साथ उन्‍होंने इन दोनों नोटों का चलन देश में बंद कर दिया। अपने इस कदम के पीछे पीएम का कहना था कि उन्‍होंने ऐसा काले धन की समस्‍या से निपटने के लिए किया है। इसी के साथ आदेश पारित हुआ कि 11 नवंबर तक एटीएम से पूरे दिन में सिर्फ 2000 रुपये ही निकाले जा सकेंगे। 10 नवंबर से 30 दिसंबर तक बैंकों और डाकघरों इन नोटों को जमा करवाया जा सकता है। वैसे पीएम की इस घोषणा का मार्केट पर कई तरह से प्रभाव पड़ा है। आइए बात करें उन प्रभावों के बारे में जो नजर आए इन नोटों के चलन में बंद होने के बाद मार्केट में।


1 . जालसाजी के खिलाफ एक कदम बड़ी वैल्यू वाले इन 500 और 1000 के नोटों को अचानक बंद करके मार्केट में फैली जालसाजी पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा है। याद दिला दें कि पिछले दिनों 500 और 1000 के नोटों ने बाजार में जालसाजी को बेइन्तेहा बढ़ावा दिया। इससे पहले भी RBI ने मार्केट में नकली नोटों के लिए लोगों को बहुत चेताया। उसके खिलाफ कई एडवाइजरी भी बनाई। इसके बावजूद इस जालसाजी पर कोई फर्क नहीं पड़ा। वहीं अब पीएम का उठाया ये क्रांतिकारी कदम इस जालसाजी पर शर्तिया लगाम लगाएगा। 3 . बैंक कर्मियों के लिए आई आफत
अचानक से इतनी बड़ी कीमत के नोटों पर रोक लगाने के बाद अब सबसे बड़ी आफत बैंक कर्मियों की आएगी। नोटों को बदलाने के लिए बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचेंगे। कारण है कि सबको ही पैसों की जरूरत है ताकि उनका रुका काम जल्द से जल्द हो। ऐसी स्थिति में बैंक कर्मी तो सीमित ही हैं। ऐसे में सीमित कर्मचारियों का हजारों लोगों की समस्या को संभाल पाना काफी मुश्किलभरा टास्क होगा। 5 . डिजिटल करेंसी को मिली बढ़त


ज्यादातर लोग अपने पास बंधे नोट रखने की वजह से 500 और 1000 के ही नोट रखते थे। अब अचानक से इनके बंद होने पर लोग अपना काम कैसे चलाएंगे। हां, उनके पास डिजिटल करेंसी होगी तो उन्हें भी कोई भी मुश्किल नहीं होने वाली है। इस तरह से लोग इस समय कार्ड पेमेंट की सबसे ज्यादा मदद ले रहे हैं। जिनके पास ये सुविधा है आज उनके कार्ड्स जेब से निकलकर बाहर आ गए हैं।

Posted By: Ruchi D Sharma