- राजेंद्र नगर इलाके में पुलिस चौकी से चंद कदम दूर हुई वारदात

- बाइक से फरार हुए लुटेरे, सीसीटीवी से सुराग की तलाश में पुलिस

LUCKNOW: राजधानी में अपराधियों पर शिकंजा नहीं कस पा रहा है। शुक्रवार को नाका के राजेंद्र नगर इलाके में बदमाशों ने दिनदहाड़े पांच लाख रुपये की लूट को अंजाम दिया। बाइक सवार बदमाशों ने पुलिस चौकी से चंद कदम की दूरी पर लूट की वारदात को तब अंजाम दिया, जब एक फर्म का मुनीम एक्टिवा से पांच लाख रुपये लेकर बैंक में जमा करने जा रहा था। हालंकि, मुनीम को भी शक के आधार पर हिरासत में रखा गया है और उससे पूछताछ की जा रही है।

दो दिन का कैश लूट ले गए

मोती नगर निवासी दीपक अग्रवाल की दीपक ट्रेडिंग कंपनी में फैजुल्लागंज में निवासी रजनीश पांडेय मुनीम का काम करता है। रजनीश मूल रूप से सीतापुर का रहने वाला है और 2009 से दीपक की फर्म में काम कर रहा है। ईद की छुट्टी होने के चलते फर्म में दो दिन का कैश रखा था। रजनीश करीब डेढ़ बजे फर्म के पांच लाख रुपये बैंक ऑफ इंडिया के राजेंद्र नगर शाखा में जमा करने निकला था।

एक्टिवा को टक्कर मारकर गिराया

रजनीश ने कैश एक्टिवा की डिग्गी में रखा था। बैंक के रास्ते में राजेंद्र नगर हॉस्पिटल से दस कदम पहले ही उसकी एक्टिवा में दो बाइक सवार युवकों ने टक्कर मार दी। एक्टिवा गिर गई और हेलमेट पहने युवकों ने रजनीश से मारपीट शुरू कर दी। इसके बाद अपाचे बाइक से आए दो अन्य बदमाशों ने एक्टिवा की डिग्गी खोल पैसे निकाल लिए दोनों बाइक पर सवार चारों बदमाश ऐशबाग पुल की तरफ भाग निकले। घटना के बाद रजनीश ने लूट की सूचना अपने फर्म और पुलिस को दी।

मुनीम पर भी है शक की सुई

चौकी से चंद कदम दूर लूट होने की वारदात से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। एसएसपी मंजिल सैनी, एसपी क्राइम, एसपी पश्चिम और नाका पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस अधिकारियों ने एक किमी तक पैदल ही गश्त कर पड़ताल की। हॉस्पिटल में लगे सीसी कैमरे के साथ-साथ रास्ते में लगे सभी सीसीटीवी को पुलिस खंगाल रही है। शक के आधार पर पुलिस रजनीश को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।

रेकी कर वारदात को दिया अंजाम

पुलिस के मुताबिक वारदात के तरीके से लगता था कि बदमाशों को मुनीम के हर मूवमेंट की जानकारी थी और ये भी पता था कि कैश कहां पर है। पहले गाड़ी में टक्कर मारना फिर दूसरे बाइक सवार बदमाशों का डिग्गी से कैश निकालना ये साबित करता है कि ये लूट की वारदात रेकी के बाद अंजाम दी गई।

2013 में भी लूटे गए साढ़े नौ लाख

फर्म के मालिक दीपक अग्रवाल ने बताया कि 2013 में भी उनके कर्मचारी से साढ़े नौ लाख की लूट हुई थी। उस समय भी कर्मचारी फर्म का पैसा बैंक में जमा करने जा रहा था। पुलिस ने खुलासा किया था कि कंपनी के कर्मचारी ने ही लूट की प्लानिंग की थी।

एसओ नाका ने बंद किया मोबाइल

लूट के वक्त पुलिस वाहन चोर गैंग का खुलासा करने जा रही थी, लेकिन लूट ने उनके गुडवर्क पर पानी फेर दिया। इसके बाद लूट की सूचना फैलते ही एसओ नाका ने अपना सीयूजी मोबाइल फोन तक बंद कर लिया।

Posted By: Inextlive