आज बाल दिवस है। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को बच्चों से बहुत स्नेह था इसलिए उनके जन्मदिन पर देशभर में बाल दिवस मनाया जाता है। वक्त के साथ बाल दिवस के स्वरूपों में बदलाव हो रहा है। आज का बचपन पहले जैसा नहीं रहा। बच्चे स्मार्ट और हाइटेक हो गए हैं। ऐसे में उनसे जुड़ी इन पांच बातों का रखें खास ख्याल।

छोटा बच्चा समझ के हमको ना समझाना रे
पहले की तरह हम उन्हें छोटा और अबोध समझकर यूं ही टाल नहीं सकते। पहले के जमाने में बच्चोंह के सामने हम कुछ भी बोल दे तो उतना फर्क नहीं पड़ता था लेकिन आज हमें हमारे एक-एक शब्द को तौल के बोलना पड़ता है।
बच्चों को भी दें सम्मान
आज के बच्चों को सिर्फ प्यार नहीं बल्कि आदर भाव भी चाहिए। वे हमारी और से रिसपैक्ट की उम्मीद रखते हैं। बच्चों की बुद्धिमता बड़ों से जरा भी कम नहीं होती। इनकी सोच, इनकी परिकल्पना का दायरा भले ही सीमित होता है लेकिन इस सीमित दायरे में भी इनकी सोच औरों की तरह ही होती है।
बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ायें
इनके मन मस्तिष्कक से भय दूर करना, इन्हें आत्मविश्वासी बनाना, सोचने, निर्णय लेने की क्षमता का विकास करना, खेलकूद और कई गतिविधियों के माध्यम से इनको बेहतर बनाना हमारी कोशिश होनी चाहिए। 

बच्चों पर करें शोध
भले ही तकनीक के विकास ने बच्चों को काफी लाभ दिया हो लेकिन आज तकनीक और प्रकृति में सही संतुलन स्थापित करने की जरूरत है। यह सही है कि तकनीक हमारी जिंदगी को आसान बनाती है लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि बच्चों का स्वाभाविक विकास बहुत जरूरी है। इस पर शोध होना अत्यंत आवश्याक है।  
ढूंढें सीखने सिखाने के नये तरीके
आज चीजों को ऐसे तरीकों से सीखा जा सकता है जिनमें मजा आता है। ऐसे गेम्स उपल्ब्ध हैं जिनसे बच्चे चीजें सीख सकते हैं। इसके अलावा बच्चे आसान तरीकों से लर्निंग को फन एक्टिविटी में बदल लेते हैं। सोचिए कितना मजा आए अगर आपका बच्चा और अमेरिका में उसका हमउम्र एक साथ किसी मैथ्स प्राब्लम को सॉल्व करने की कोशिश कर रहे हों और कॉम्पिटिशन भी। इसलिए ऐसे तरीकों को खोंजे और इस्ते्माल में लायें।

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Posted By: Molly Seth