- प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों की कलर कोडिंग बनी मुश्किल का सबब

- यूपी के ज्यादातर उद्योग आ रहे सबसे खतरनाक रेड कैटेगरी में

- पीसीबी ने क्षेत्रीय कार्यालयों को उद्योगों को चिन्हित करने का भेजा पत्र

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LUCKNOW: प्रदूषण पर काबू पाने के लिए केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय के नये फरमान ने उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इसे लागू करना बोर्ड के लिए बड़ी चुनौती है। मंत्रालय ने प्रदूषण के मानकों के मुताबिक उद्योगों को कलर कैटेगरी में बांटा है। सबसे खतरनाक रेड कैटेगरी में यूपी के ज्यादातर उद्योग आ रहे हैं। पीसीबी यदि इन उद्योगों के खिलाफ सख्त कदम उठाता है तो इनमें से ज्यादातर में तालाबंदी की नौबत आ जाएगी।

रेड कैटेगरी में ज्यादातर उद्योग

दरअसल मंत्रालय ने सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों को रेड कैटेगरी में रखा है। जानकारी के अनुसार, रेड कैटेगरी में यूपी के करीब पांच हजार से ज्यादा उद्योग आ रहे हैं। केवल 1070 उद्योग ऐसे हैं जो लगातार गंगा में प्रदूषण फैलाने की वजह से नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के राडार पर हैं। इनमें कानपुर के 452 उद्योग भी शामिल हैं जो टैनरी, यार्न एंड टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग आदि से जुड़े हैं। वहीं उन्नाव के 65 और भदोही के 48 उद्योग भी सीधे इस कैटेगरी में आ रहे हैं। मंत्रालय ने रेड कैटेगरी में शुगर मिल और डिस्टलरी को भी रखा है। यूपी में सबसे ज्यादा शुगर मिल हैं। इनमें से कई सरकारी भी है।

स्लॉटर हाउस पर भी खतरा

नये नियमों की जद में यूपी के 64 स्लॉटर हाउस भी आ रहे हैं। मंत्रालय ने स्लॉटर हाउस को रेड कैटेगरी में रखा है। इसके अलावा इलाहाबाद से लेकर वाराणसी तक बड़े पैमाने पर चल रहे कालीन उद्योग पर भी इसकी गाज गिर सकती है। बुंदेलखंड से लेकर मिर्जापुर तक चल रहा खनन उद्योग इसकी चपेट में आएगा। पश्चिमी यूपी में चल रही यार्न एंड टेक्सटाइल, शुगर इंडस्ट्री, पल्प एंड पेपर, केमिकल इंडस्ट्री, स्लॉटर हाउस, डिस्टलरी, फर्टिलाइजर उद्योग को भी रेड कैटेगरी में रखा गया है। बड़े डेयरी प्रोजेक्ट, बड़े होटल, रेलवे लोकोमोटिव वर्कशॉप, पेट्रोकैमिकल, फार्मास्युटिकल्स का उत्पादन करने वाले यूपी के तमाम उद्योग खतरनाक माने गये हैं।

सिर्फ नोटिस देकर खानापूर्ति

दरअसल प्रदूषण नियंत्रण को लेकर पीसीबी उद्योगों को नोटिस देकर अपना पल्ला छुड़ा लेता है। कुछ उद्योगों में प्रदूषण नियंत्रण के आधुनिक संयंत्र भी लगवाने के लिए उद्योगों को मजबूर किया गया, लेकिन यह संख्या अब भी बेहद कम है। पीसीबी ने भी कुछ साल पहले उद्योगों को कलर कोडिंग में बांटा था, लेकिन यह योजना भी कारगर साबित नहीं हुई। ज्यादातर उद्योगों ने इस नियम को माना नहीं। बोर्ड भी उनके खिलाफ सख्ती बरतने में नाकाम साबित हुआ। अब पर्यावरण मंत्रालय के नये कलर कोडिंग नियम का सख्ती से पालन कराना बोर्ड की मजबूरी बन गयी है।

ये हैं कलर कोडिंग

रेड कैटेगरी

- इनमें उन उद्योगों को शामिल किया गया है जिनका पॉल्यूशन इंडेक्स 60 से ज्यादा है। नये नियमों में ऐसे उद्योगों को संरक्षित अथवा उपजाऊ भूमि के आसपास नहीं चलाया जा सकता है। मंत्रालय ने रेड कैटेगरी में 62 तरह के उद्योगों को शामिल किया है। इनमें मुख्य रूप से टैनरी, आटोमोबाइल इंडस्ट्री, डीजी सेट, सुगर एंड डिस्टलरी, फायर क्रैकर, ई-वेस्ट रिसाइक्लर्स, मिल्क एंड डेयरी प्रोडेक्ट, पल्प एंड पेपर, यार्न एंड टेक्टसटाइल मैन्युफैक्चरिंग, स्लॉटर हाउस, फर्टिलाइजर, ऑयल रिफाइनरी, पेट्रो कैमिकल, फार्मास्युटिकल्स, पल्प एंड पेपर, रेलवे लोटोमोटिव वर्कशॉप एंड सर्विस सेंटर, पेस्टिसाइड, माइनिंग, एयरपोर्ट एंड कमर्शियल एयर स्ट्रिप्स, न्यूक्लियर पावर प्लांट, सीमेंट, बड़े होटल इत्यादि को शामिल किया गया है।

ऑरेंज कैटेगरी

- इनमें 83 उद्योगों को शामिल किया गया है जिनका पॉल्यूशन इंडेक्स स्कोर 41 से 59 के बीच है। इनमें ब्रिक फील्ड, छोटे डेयरी प्रोडक्ट, फूड एंड फूड प्रोसेसिंग, हॉट मिक्स प्लांट, रोलिंग मिल, मध्यम दर्जे के होटल, नये हाईवे कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट, खाद्य तेल, आइसक्रीम, मछली पालन, अलमारी, आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाएं, प्रिंटिंग प्रेस इत्यादि है। वहीं ग्रीन कैटेगरी में 63 तरह के उद्योग शामिल किए गये है। इनमें एल्मुनियम के बर्तन, आयुर्वेदिक दवाएं, लकड़ी के फर्नीचर, दाल मिल, फ्लोर मिल, लेदर फुटवियर, राइस मिल, स्टील फर्नीचर, डिस्टिल वाटर, छोटे होटल इत्यादि शामिल हैं।

पर्यावरण मंत्रालय के नये निर्देश मिलने के बाद सभी डिवीजन (क्षेत्रीय कार्यालयों) को इस बाबत पत्र भेजा गया है। उनसे नयी कलर कोडिंग के मुताबिक उद्योगों को चिन्हित करके उन्हें नोटिस देने के निर्देश दिए गये है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नये नियमों को सख्ती से लागू कराएगा।

- एससी यादव

सदस्य सचिव

उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

गंगा को गंदा करने वाले राडार पर

कानपुर : 452

उन्नाव : 65

भदोही : 48

Posted By: Inextlive